भारत देश की ताकत उनके युवाओं में समाई हुई है। इनका अपने सपने को हक़ीक़त बनाने का जुनून ही देश को नई तरक्क़ी पर ले जाने का हौसला रखता है। लेकिन अपने मंज़िल तक पहुँचने के रास्ते में शादी करने का सवाल उनसे हमेशा टकराता है वे युवा चाहे लड़का हो या लड़की हो। यह शादी का सवाल ऐसा होता है कि इसको करना ज़रूरी है आप इसको कुछ देर के लिए टाल सकते हैं लेकिन छोड़ नहीं सकते।
शादी टाल देना कहना काफ़ी आसान है लेकिन करना काफ़ी मुश्किल। क्योंकि करियर बनाने का जुनून ही आपको हिम्मत देता है ताकि आप अपने माता पिता को शादी टालने के लिए मना सके। लेकिन इसमें भी कई युथ हारकर हिम्मत छोड़ देते हैं। जो हिम्मत रखतें हैं वह अपना नाम कमाते हैं इन्हीं में से एक जो भारत के राज्य बिहार से सम्बंधित है। इनका नाम है अभिलाषा (IAS Abhilasha)
माता-पिता चाहते थे करे शादी, लेकिन अभिलाषा जी को था UPSC का जुनून
बिहार की अभिलाषा (IAS Abhilasha) जी के माता पिता हर दूसरे पेरेंट्स की तरह अपनी बच्ची की शादी करवाना चाहते थे। लेकिन अभिलाषा जी की अपनी ज़िन्दगी से अपने आप से कुछ अन्य उम्मीदें थी। इसीलिए अभिलाषा जी ने अपने माता पिता को शादी टालने के लिए मनाया। ऐसा करना अभिलाषा जी के लिए ज़रूरी था क्योंकि उन्हें UPSC Exam जो देना था। उनकी ज़िन्दगी में UPSC Exam क्लियर करने के रास्ते में सबसे बड़ी अड़चन यही शादी थी।
भारत जैसे देश में अगर आपने लड़की के रूप में जन्म लिया है तो शादी ही कई मंजिलों में स्पीड ब्रेकर का काम करती है। लेकिन अपने सपने को हक़ीक़त बनाने के लिए हिम्मत करके अभिलाषा जी ने अपने माता पिता को शादी टालने के लिए मनाया।
शुरू से रही हैं पढ़ाई में समझदार, बाहरवीं में पाए 84 प्रतिशत मार्क्स
अभिलाषा जी अपने मंज़िल यानी कि UPSC Exam को क्लियर करने का मन शुरू से बना चुकी थी तभी वे हमेशा से स्कूल में टॉपर बच्चों में गिनी जाती रही हैं। दसवीं में वे अपने स्कूल की टॉपर थी और बाहरवीं में भी 84 प्रतिशत लाकर यह दिखा दिया था कि वे अपना IAS बनने का सपना ज़रूर पूरा करेंगी।
ए. एस.पाटील कॉलेज महाराष्ट्र से बीटेक करने के बाद करी नौकरी
अभिलाषा जी ने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद ए. एस. पाटिल कॉलेज जो महाराष्ट्र राज्य में स्थित है वहाँ से बीटेक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। जिसके बाद उन्होंने कुछ देर तक नौकरी में भी अपना हाथ आजमाया। अभिलाषा जी नौकरी करने के बारे में बताती हैं कि हर इंसान को समय का सही सदुपयोग करना चाहिए। इससे हमें कई तरह की शिक्षा मिलती है। जो जीवन में आगे बढ़ने में मदद करती है।
IAS बनने के लिए दो बार हो चुकी हैं असफल, लेकिन तीसरी बार में मारी बाजी
पढ़ाई में अव्वल होने के बावजूद अभिलाषा जी के लिए IAS बनना आसान नहीं रहा। UPSC exam को उन्हें तीन बार करना पड़ा ताकि अपने नाम के आगे IAS अभिलाषा लिखवा सके। अभिलाषा जी ने पहली बार IAS exam साल 2014 में दिया लेकिन उस समय ये प्री में रह गई थी।
दूसरी बार इन्होंने अपनी क़िस्मत फिर आजमाई तो रैंक 308 आई जिनसे ये IAS तो बन गई लेकिन इन्हें कुछ बेहतर चाहिए था। इसीलिए फिर से तीसरी बार कोशिश की, इस बार अपने पूरी ताकत झौंकि तो रिजल्ट में भी 18 वां रैंक पाकर ये अपने सपने को हक़ीक़त बनाने में सफल रहीं।
अतः में हम यही कहना चाहेंगे कि अभिलाषा जी ने अपने सपने को पूरा करके यह दिखाया है कि इंसान अगर चाहे तो कुछ भी कर सकता है। हम अभिलाषा जी के IAS बनने पर उन्हें बधाई देते हैं। उम्मीद है आप से कई लोग प्रेरणा लेंगे और अपने जीवन के लक्ष्य को पूरा करेंगे।