Tips To Maintain Your Inverter Battery : हमारे देश में बिजली की कटौती आम समस्या है। कई घरों या ऑफिस में इस समस्या से निपटने के लिए लोग इनवर्टर लगा के रखते हैं। इनवर्टर का इस्तेमाल बिजली के अभाव में किया जाता है। यह बैटरी से संचालित होता है। अतः हर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की तरह इसे भी सही तरीके से रखना होता है, अन्यथा इसकी लाइफ स्पैन कम हो सकती है।
इनवर्टर बैटरी में डिस्टिल्ड वाटर
इनवर्टर के ठीक से काम करने लिए डिस्टिल्ड वाटर की ज़रूरत होती है। लगातार उपयोग से इसमें पानी कम होने की संभावना होती है। इसलिए नियमित अंतराल पर चेक कर इसकी बैटरी में पानी डालते रहना चाहिए।
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कितने दिनों में पानी का लेवल कम हो जाता है
कुछ लोगों को इसके समय अंतराल के बारे में पता होता है लेकिन कुछ लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है। लगभग हर 2 से 3 महीने में एक बार पानी का स्तर जांचना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि पानी न्यूनतम स्तर से नीचे तो नहीं है। यदि पानी कम हो रहा है, तो उसे ठीक से भरें और ध्यान रखें, डिस्टिल्ड वाटर का ही उपयोग करें।
पानी का स्तर जांचने के लिए इंडिकेटर मौजूद
सभी इन्वर्टर बैटरी पर लेवल का एक इंडिकेटर होता है, जिससे पानी की उपस्थिति का पता चलता है जो हरा और लाल दो रंगों में इंडिकेशन देता है। यदि इंडिकेटर हरे रंग पर है, तो इन्वर्टर में पर्याप्त पानी है। लेकिन यदि इंडिकेटर लाल रंग पर है, तो पानी की मात्रा पर्याप्त नहीं है और इसे भरने की आवश्यकता है।
बैटरी में पानी भरते वक्त बरती जाने वाली सावधानी
इनवर्टर बैटरी में पानी भरने से पहले सुनिश्चित करें कि इन्वर्टर और पावर सॉकेट स्विच बंद हैं और प्लग को बोर्ड से निकाल दें, ताकि किसी दुर्घटना का सामना ना करना पड़े। साथ ही, बैटरी में डिस्टिल्ड वाटर भरते समय दस्ताने पहनना न भूलें।