Inflation : सखी सइयाँ तो खूब ही कमात हैं महंगाई डायन खाए जात है, आपने कभी न कभी गाने की इन पंक्तियों को जरूर सुना होगा। लेकिन इन लाइनों का असल मतलब आम नागरिकों को इन दिनों समझ आ रहा है, जब सब्जी से लेकर आटा, दाल और मिर्ची जैसे खाने पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं।
अभी तक आम नागरिकों को टमाटरों की बढ़ी हुई कीमतों ने परेशान किया हुआ था, वहीं अब आटा और दाल भी महंगी कीमतों के साथ ग्राहक के सिर पर सवार हो गए हैं। पिछले एक महीने में दालों की कीमत में 20 से 30 रुपए की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि आटे के एक पैकेट की कीमत में 30 से 40 रुपए का उछाल आया है।
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ऐसा ही कुछ हाल सब्जियों का भी है, जहाँ टमाटर के अलावा आलू, प्याज से लेकर लौकी, तोरी, मिर्ची और हरे धनिया की कीमत आसमान छू रही हैं। इस स्थिति में आम आदमी के लिए घर की रसोई में दाल, रोटी और सब्जी पकाना मुश्किल हो गया है, जबकि बाहर बिकने वाली वेज और नॉन वेज थाली की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो गई है।
माना जा रहा है कि बारिश की वजह से विभिन्न राज्यों में सब्जी और दालों की सप्लाई पर बुरा असर पड़ा है, जिसकी वजह से स्टॉक में मौजूद सामान को ऊंची कीमतों पर बेचा जा रहा है। इससे व्यापारी वर्ग को तो लाभ कमाने का मौका मिल रहा है, लेकिन किसानों और आम आदमी को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है।