Best AC temperature for sleeping: एक समय था जब गर्मी से निजात पाने के लिए हर घर में हाथ वाला पंखा होता था। उस वक्त यह पंखा जितना आम था, आज बड़े शहरों में एयर कंडीशनर भी उतनी ही आम बात हो गई है। लोगों को AC की ठंडी हवा के बिना रात में नींद नहीं आती।
अगर आप भी प्रायः AC का इस्तेमाल करते है तो हमारा यह लेख आपके लिए है। हम इस लेख के जरिए आपको बताएंगे कि कितने डिग्री टेंपरेचर में अच्छी नींद आती है। कमरे में AC का तापमान हर किसी के गर्मी या ठंडी अनुभव करने पर निर्भर करता है। अतः अच्छी व गहरी नींद के लिए यह सभी के लिए अलग-अलग हो सकता है।
AC में सोने के लिए आदर्श तापमान
मेडिकल न्यूज टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, गहरी नींद के लिए आदर्श तापमान 18 डिग्री सेल्सियस को माना जाता है। आप 15.6 से 19.6 डिग्री सेल्सियस के बीच में भी गहरी नींद का आनंद ले सकते हैं। जिसे ज़्यादा गर्मी नहीं लगती, उसके लिए 23 डिग्री सेल्सियस भी सोने के लिए उचित तापमान माना जाता है।
ध्यान रखें, बहुत ठंडे कमरे में सोने से भी नींद प्रभावित हो सकती है। 2021 में जानवरों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 15°C और 18°C के तापमान के बीच, 23°C के तापमान में सोने वालों की तुलना में नींद की क्वालिटी ज़्यादा प्रभावित होती है।
यह स्वप्नदोष को बढ़ा सकता है और गहरी नींद नहीं आने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, कम तापमान से ब्लड प्रेशर और हृदय दर बढ़ सकती है। इसलिए, स्वास्थ्य के लिए उचित तापमान में एयर कंडीशनर का सही उपयोग करना महत्त्वपूर्ण होता है।
AC में सोने के फायदे | Benefits of sleeping in AC
अत्यधिक गर्मी के मौसम में AC में सोने / रहने से आप डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, थकाना जैसी समस्याओं से बच सकते हैं। अगर आप एसी में एयर फिल्टर का उपयोग करते हैं, तो इससे आप पोलेन, माइक्रोबेस, बैक्टीरिया आदि के खतरे से बच सकते हैं। इससे आप अस्थमा और अन्य सांस तंत्रिका सम्बंधित रोगों से भी बच सकते हैं।
AC में सोने के नुकसान | Disadvantages of sleeping in AC
हालांकि, AC में सोने के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। यदि आप बहुत ठंडे कमरे में सोते हैं तो यह आपके नींद पर असर डालता है और बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है।
यदि आप नियमित रूप से AC को साफ़ नहीं करवाते तो यह भी सुरक्षित नहीं है। इसलिए जरूरी है कि AC फ़िल्टर और अन्य तत्वों को नियमित रूप से साफ़ किया जाए, क्योंकि गंदी एसी में धूल, बैक्टीरिया, जीवाणु और फंगस हो सकते हैं, जो सांस लेने पर हमारे शरीर में चले जाते हैं। क्लीनिंग की अभाव में, आप विभिन्न प्रकार की एलर्जी, बैक्टीरिया आदि से पीड़ित हो सकते हैं।