एक ओर युवा जहाँ 21-22 साल की उम्र में अपनी ज़िन्दगी के फैसले नहीं ले पाते कि उन्हें क्या करना है क्या नहीं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ युवक इसी उम्र में अपनी कामयाबी से इतिहास ही रच डालते हैं। इसी इतिहास रचने वालों में 3 नाम है, इन तीनों के नाम सबसे कम उम्र में IAS, IPS और Judge बनने का रिकॉर्ड है। इन तीनों ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करते ही अपने मेहनत से अपनी मंजिलों को हासिल कर लिया। इनका नाम है:-
- IAS अंसार अहमद शेख
- IPS हसन सफीन
- जज मयंक प्रताप सिंह
सबसे पहले बताते हैं IAS अंसार अहमद शेख की जीवनी (India’s youngest ias officer Ansar Ahmad Shaikh)
अंसार अहमद शेख, जिनका जन्म 1 जून 1995 को महाराष्ट्र के जालना जिले के शेलगांव में हुआ था। अंसार जब चौथी कक्षा में थे तो उनके पिता, जो ऑटो चालक थे, वह मुफलीसी का हवाला देते हुए स्कूल से उनका नाम कटवाने पहुँच गए थे, मगर टीचर की समझाने से उनकी पढ़ाई जारी रही और अंसार ने 12वीं कक्षा में 91% अंक लाकर सबको चौंका दिया था। इसके बाद पुणे के फर्गुसन कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया।
अंसार अपने पूरे ख़ानदान में पहले ग्रेजुएट हैं। इन्हें अपनी पढ़ाई का ख़र्च उठाने के लिए एक होटल में वेटर तक का काम करना पड़ा। इनकी माँ अजामत शेख खेती में मजदूरी किया करती थी। अंसार शेख 21 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा 2015 में 361वीं रैंक लाकर सबसे कम उम्र के IAS बन गए।
अंसार पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस हैं और वर्ष 2016 में इनकी पहली पोस्टिंग पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में बतौर एसडीओ के रूप में हुई। वर्तमान में ये MSME और टेक्सटाइल विभाग में ओएसडी के पद पर कार्यरत हैं। अंसार जब पुणे के कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहे थे तब इनका पूरा ख़र्च छोटे भाई अनीस शेख ने उठाया। इसके अलावा अंसार के ख़ास दोस्त मुकुंद और दिल्ली के एनजीओ जकात फाउंडेशन ने भी इन की पूरी मदद की है।
सबसे कम उम्र के IPS बने हसन सफीन (India’s youngest IPS officer Hasan Safin)
सफीन हसन का जन्म 21 जुलाई 1995 को गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनुपर तहसील के गाँव कणोदर में हुआ। सफ़ीन ने अपने गाँव के सरकारी स्कूल से गुजराती मीडियम से दसवीं तक की पढ़ाई करने के बाद, 11वीं और 12वीं कक्षा पालनपुर के प्राइवेट स्कूल से की। इनकी ग़रीबी व पढ़ाई के प्रति रुझान को देखते हुए प्रींसिपल ने इनके फीस माफ़ कर दी थी। सफ़ीन 10वीं कक्षा में 92 फीसदी अंक प्राप्त किए, उसके बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (एनआईटी) से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।
सफीन हसन के माता-पिता डायमंड यूनिट में काम करते थे। फिर मजदूरी छूटी तो पिता मुस्तफा इलेक्ट्रिशियन का काम करने के साथ-साथ अंडे का ठेला भी लगाने लगे। कई बार पिता के साथ हसन भी अंडे के ठेले पर काम करते थे और माँ नसीम बानो रेस्टोरेंट और शादीयों में रोटी बेलने का काम करती थीं। सफ़ीन अपनी यूपीएससी परीक्षा 2017 में 570वां रैंक लाकर सिर्फ़ 22 साल की उम्र में IPS बने।
दिसम्बर 2019 में गुजरात कैडर के IPS सफ़ीन हसन को पहली पोस्टिंग मिली। इन्होंने जामनगर ASP के रूप में ज्वाइन किया है। सफ़ीन हसन जब कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद UPSC की तैयारी करने के लिए दिल्ली जाना चाहा तो उनके गाँव के हुसैन भाई और उनकी ही पत्नी जरीना बेन ने दिल्ली का सारा ख़र्चा उठाया।
मयंक प्रताप सिंह बने 21 साल की उम्र में जज (india’s youngest judge Mayank Pratap Singh)
मयंक प्रताप सिंह ने सिर्फ़ 21 साल की उम्र में जज बनने का रिकॉर्ड बनाया है। उनका जन्म 1998 में राजस्थान के जयपुर में हुआ। उनके पिता राजकुमार सिंह सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य थे तो वही उनकी माँ भी सरकारी शिक्षिका थी। मयंक ने राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा 2018 में यह सफलता हासिल की है। सबसे ख़ास बात तो यह है कि बिना किसी कोचिंग के ही मयंक ने महज़ 21 साल की उम्र में जज बनकर एक मिसाल क़ायम किया है।
मीडिया से बातचीत के दौरान मयंक ने कहा था कि ” उन्होंने कभी सोशल मीडिया जैसे-फ़ेसबुक या व्हाट्सएप का यूज नहीं किया। क्योंकि उन्हें अपने लक्ष्य पर पूरी तरह से फोकस करना था। वैसे मयंक इंटरनेट का इस्तेमाल का इस्तेमाल तो करते थे लेकिन सिर्फ़ राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा व कानून सम्बंधी नई जानकारियाँ लेने या सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के कुछ नए और रोचक निर्णयों के बारे में जानने के लिए। इस तरह उन्होंने अपना सारा फोकस अपने पढ़ाई पर दिया और बन गए भारत के सबसे कम उम्र के जज।
दुनिया इन तीनों युवाओं के हौसले को सलाम करती है जिन्होंने इतनी कम उम्र में IAS, IPS और Judge बनने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।