Chamar Brand: वैसे तो हमारा देश कई मामलों दिन ब दिन तरक्की करता जा रहा है, जिसकी वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम ऊंचा हो रहा है। लेकिन हमारे समाज में आज भी जातिगत समस्या चरम पर हैं, जिसकी वजह से आम लोगों को उनकी जाति की वजह से पहचाना जाता है।
इसके लिए देश में कानून भी बनाए गए हैं, लेकिन अंदरूनी दौर पर इन कानूनों पर कोई ध्यान नहीं देता है। जिसकी वजह से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को आज भी जातिसूचक शब्दों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक युवक ने अपनी जाति को ही ब्रांड बना बनाकर दुनिया के सामने पेश किया है।
जाति को बना दिया इंटरनेशनल ब्रांड (Chamar Brand)
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में रहने वाले सुधीर राजभर (Sudhir Rajbhar) अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं, जिन्होंने बचपन से ही जातिसूचक शब्द सुने हैं। इतना ही नहीं कई लोग सुधीर राजभर को उनकी जाति की वजह से ताना मारते थे या फिर उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश करते थे, जिसकी वजह से सुधीर के मन में जातिसूचक शब्द की छाप रह गई। Read Also: पिता मोची और मज़दूर माँ के बेटे ने खड़ी कर दी 500 करोड़ की कम्पनी जिसमें 4500 लोग काम करते हैं
सुधीर ने मुंबई से ड्राइंग और पेंटिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है, लेकिन इसके बावजूद भी जब वह अपने गाँव जाते थे तो उन्हें भर या चमार जैसे जातिसूचकों शब्दों का सामना करना पड़ता था। ऐसे में सुधीर ने जाति को ही अपनी पहचान बनाने का फैसला कर लिया, जिसके बाद उन्होंने चमार ब्रांड (Chamar Brand) की स्थापना की।
यह एक इको फ्रेंडली और हैंडमेड क्लोथिंग ब्रांड है, जिसके बैग और बेल्ट जैसे प्रोडक्ट्स राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेचे जाते हैं। सुधीर ने मुंबई के धारावी इलाके में एक छोटी-सी दुकान से चमार ब्रांड की शुरुआत की थी, जिसका नाम उन्होंने चमार स्टूडियो रखा था। इस ब्रांड के प्रोडक्ट्स को बनाने का काम अनुसूचित जाति और मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग करते हैं।
चमार ब्रैंड के बैग पर खासतौर से हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी भाषा में स्लोगन लिखे जाते हैं, ताकि आम लोगों तक सुधीर राजभर एक संदेश पहुँचा सके। सुधीर लोगों को बताने चाहते हैं कि चमार एक जाति नहीं बल्कि एक पेशा था और पेशा है, जिससे इंसान की रोजी रोटी चलती है और यह शब्द किसी की पहचान नहीं बन सकता है।
देश और विदेश में बढ़ती मांग
वर्तमान में दिल्ली, मुंबई और बिहार समेत देश के विभिन्न शहरों में चमार ब्रांड के शोरूम मौजूद हैं, जबकि इस ब्रांड की ऑनलाइन भी काफी ज्यादा सेल होती है। इसके अलावा चमार ब्रांड के प्रोडक्ट्स को अमेरिका, जर्मनी और जापान जैसे देशों में भी काफी ज्यादा पसंद किया जाता है।
इसके साथ ही सुधीर ने चमार हवेली नाम से एक नया प्रोजेक्ट की शुरू किया है, जिसके लिए उन्होंने राजस्थान में 300 साल पुरानी हवेली खरीदी है। फिलहाल उस हवेली में मरम्मत का काम चल रहा है, जिसे सुधीर राजभर एक आर्टिस्ट प्लेस में तब्दील करना चाहते हैं और भविष्य में दुनिया भर के आर्टिस्ट वहाँ आकर रूकेंगे।
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