देश की सर्वोच्च परीक्षा, जिससे कठिन किसी भी परीक्षा को नहीं माना जाता है वह है UPSC की परीक्षा। इस कठिनतम परीक्षा को एक नेत्रहीन लड़की ने उत्तीर्ण किया और केवल उत्तीर्ण ही नहीं बल्कि वह टॉपर बनी और देश की पहली नेत्रहीन महिला आईएएस बनकर नई मिसाल क़ायम कर दिया।
आज हम बात कर रहे हैं प्रेरणा स्रोत प्रांजल पाटिल (Pranjal Patil) की, विषम परिस्थितियों में भी इन्होंने संघर्ष से हार नहीं मानी। प्रांजल ने परीक्षा उत्तीर्ण की लेकिन उनका संघर्ष जारी रहा, रैंक अच्छे न होने के कारण उन्हें वह पद वह सम्मान नहीं मिला जो वह पाना चाहती थीं। बहुत प्रयास के बाद भी उन्हें सम्मानजनक पद प्राप्त नहीं हुआ।
Thiruvananthapuram's new sub collector- Pranjal Patil. India's 1st visually impaired IAS officer. "Don't give up.Keep trying. You will get that one break that you require", says Pranjal Patil.She was refused joining by IRAS, but is today a sub-collector! @ndtv pic.twitter.com/3Q22bCVt3x
— Sneha Koshy (@SnehaMKoshy) October 14, 2019
पेंसिल लगने से चली गई आँखों की ज्योति
प्रांजल महाराष्ट्र के उल्हानपुर की निवासी हैं। प्रांजल जब 6 साल की थी तो एक हादसे ने उनकी आँखों की रौशनी छीन ली। क्लास में पढ़ते समय उनके सहपाठी ने उनकी आंखों में पेंसिल घोप दी थी, जिसके कारण उनकी आँखों में इंफेक्शन फैल गया और उन्होंने अपनी आंखों की रौशनी खो दी। इस हादसे के बावजूद उन्होंने ख़ुद को कभी किसी से कम नहीं समझा न ही उनके परिवार ने उनका साथ छोड़ा, प्रांजल ने ब्रेल लिपि और ऑडियो द्वारा अपनी सारी पढ़ाई पूरी करी।
12वीं में मिले थे 85 प्रतिशत अंक
प्रांजल ने एक सामान्य विद्यार्थी की तरह अपनी पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने चंदाबाई कॉलेज से आर्ट्स में 12वीं की पढ़ाई पूरी की, 12वीं में उन्हें 85% अंक प्राप्त हुए। इसके बाद मुम्बई के सेंट जेवियर कॉलेज से पोलिटिकल साइंस में स्नातक की पढ़ाई पूरी की, साथ ही यूपीएससी परीक्षा कि जानकारी जुटाना शुरू कर दिया।
‘Never be defeated, never give up’, says India's first visually challenged woman IAS officer Pranjal Patil as she takes charge as sub-collector of Thiruvananthapuram, Kerala. Watch
— Hindustan Times (@htTweets) October 15, 2019
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पहले प्रयास में प्राप्त की 773वीं रैंक
स्नातक पूरा करने के बाद प्रांजल ने एम ए करने का विचार किया और जेएनयू की प्रवेश परीक्षा दी, जिसमे उनको सफलता मिली। परास्नातक की पढ़ाई के साथ ही उन्होंने सिविल्स की तैयारी भी शुरू रखी। वर्ष 2016 में पहले ही प्रयास में प्रांजल ने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली, इसमें उन्हें 773वीं रैंक प्राप्त हुई।
दृष्टिहीनता के कारण नहीं मिली नौकरी
प्रांजल को उनके रैंक के मुताबिक रेलवे खाता सेवा में नौकरी का प्रस्ताव मिला मगर उनकी नेत्रहीनता के कारण उन्हें यह नौकरी नहीं दी गई। उन्होंने इसके लिए कानून का सहारा भी लिया पर उससे भी कुछ नहीं हुआ। प्रांजल निराश थी पर उन्होंने हार नहीं मानी और दुबारा यूपीएससी की परीक्षा देने का फ़ैसला किया।
Despite the setbacks, India’s first visually challenged woman IAS officer, Pranjal Patil, never lost sight of her capabilities. She appeared for the civil services exam twice, and cracked it both time. On October 14, she took charge as the sub collector of Thiruvanantapuram. 👏 pic.twitter.com/YDCeZ1kR0h
— Brut India (@BrutIndia) October 16, 2019
अगले साल उन्होंने परीक्षा दी और 124वीं रैंक हासिल किया। उनके हौसले और प्रतिभा ने सभी की ज़ुबान पर ताला लगा दिया। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें एर्नाकुलम सहायक कलेक्टर पद पर नियुक्ति मिली, जिसके पश्चात अब वे केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में सब कलेक्टर के रूप में कार्यभार सम्हाल रहीं हैं।