जैसा कि आप और हम सब जानते है की इंसान की मृत्यु के बाद उन लोगो की आत्मा नर्क मे जायेगा या स्वर्ग मे इन सब का निर्णय उसके भाग्य के अनुसार या पाप व पूण्य के आधार पर निर्धारित होता है। ठीक इसी प्रकार मार्कण्डेय पुराण के अनुसार जो व्यक्ति नरक भोगकर आता है उसकी पहचान आप इन 9 बातो से कर सकते है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार मनुष्य नरक भोग कर पृथ्वी पर आ जाते है ओर इस प्रकार की हरकते करते है।
1- परनिंदा करने वाला
कोई भी इंसान भले कितना ही लाख गुणा अच्छा/बेहतर हो, पर फिर भी उसकी कमियो को बताकर जो सुख मिलता है या यू कह सकते है कि परनिंदा ही उसके जीवन का सुख हो तो यह उसके जन्म से पहले के नरगलोक का संकेत होता है। तभी यह कहा जाता है की मनुष्य के बुरे या अच्छे कर्म मनुष्य के हमेशा साथ रहते है, फिर चाहे वो जीवित हो या मृत्यु के बाद। लेकिन मनुष्य अपने इन कर्मो से निकलने की बजाय बार – बार इन्ही कर्मो को दोहराता है, इसलिए कहते है कि परनिंदा होने से बचे।
2- उपकार न मानने वाला
वो कहते है ना कि आप भले किसी पर कितना भी उपकार कर लो उनके मन मे आपके लिए कोई खास बात नही रहती या यू कहे की बहुत की कम लोग ऐसे होते है जो आपके द्वारा किये गये उपकारो को याद रखते है। ऐसी मान्यता है कि जो आपके उपकारो की कद्र नही करता वह व्यक्ति नरक मे रह होता चूका है। इसलिए हमेशा दूसरो के द्वारा आपके उपर किये गये उपकारो का सम्मान करें।
3- दूसरो का हक मारने वाला
मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अगर कोई मनुष्य किसी ओर का हक छिनता है या दूसरो की चीजो पर या किमती वस्तुओ पर अपना हक जताता है तो यह भी इस बात का साक्ष्य है कि वह व्यक्ति नरगवासी भी रह चुका है।
4- परपुरूष या परस्त्री सेवन करने वाला
कई ऐसी मान्यता है कि अगर कोई स्त्री अपने पति के अलावा किसी और मानव से शारीरिक सम्बंध बनाती है या कोई मनुष्य अपनी पत्नि के अलावा किसी और स्त्री से शारीरिक सम्बंध बनाता है तो मार्कण्डेय के अनुसार यह भी इस बात का साक्ष्य है कि वह मनुष्य या औरत नरगवासी रह चुका है। इसलिए कहते है कि मनुष्य या स्त्री को परपुरूष या परस्त्री को गलत नजरो से नही देखना चाहिए।
5- देवताओ की निंदा करने वाला
कहते है कि दूनिया मे देवता/भगवान से बडा कुछ भी नही है और यह सत्य भी है परन्तु क्या आप जानते है की मार्कण्डेय पुराण के अनुसार जो व्यक्ति देवताओ या भगवान की निंदा करता है तो ऐसा माना जाता है कि वह भी नरग भोग कर पृथ्वी पर आ जाता है तभी इंसान ऐसी हरकते करता है। मनुष्य चाहे वो किसी भी धर्म को मानने वाला हो उसको भगवान/खुदा/गौड आदी का सम्मान करना चाहिए
6- मनुष्यो की हत्या करने वाला
मार्कण्डेय पुराण के अनुसार मानव हत्या करने वाला व्यक्ति भी नरगभोगी होता है। जो मनुष्य किसी भी मामले को शांति से निपटाने के बजाय उस पर बहस करता है या उसी मामले के किसी की हत्या कर दे तो भी यह भी इस बात का संकेत है कि वह व्यक्ति भी नरगभोगी रहा हों।
7- छल-कपट करने वाला
काले जादू करने वाले मनुष्य को हम ऐसी गंदी नजरो से देखते है जिसकी कोई सीमा नही और इसी कडी मे ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति छल-कपट करता है तो यह भी इस बाता का सबूत है कि मनुष्य अपने पूर्व कर्मो से आधार पर नरग भोग चुका है। और मनुष्य अपने पूर्व कर्मो के अनुसार जन्म से ही गलत कामो व संगत मे पड जाता है।
8- दूसरो के भेद खोलने वाला
कहते है की दूसरो के राज नही खोलने चाहिए ओर अगर कोई मनुष्य ऐसा करता है तो मार्कण्डेय पुराण के अनुसार यह इस बात का संकेत होता है की वह मनुष्य भी नरग भोगी रह चुका हो। वैसे तो दूसरो की निजी बातो को / प्राईवेट बातो को ओपन करना एक दण्ड है परन्तु मार्कण्डेय पुराण की मान्यता के अनुसार ऐसा व्यक्ति नरग भोगकर पृथ्वी पर आया होता है।
9- निर्दयता बरतने वाला
मार्कण्डेय पुराण कहता है व्यक्ति में यदि दया भाव न हो तो यह माना जाता है कि वह नरक भोग कर आया है। यानी कि कोई व्यक्ति यदि किसी भी मनुष्य या वन्यजीव के प्रति दया भावना नहीं रखता तो वह नरक भोगी माना जाता है। इसलिए पुराण सभी के प्रति दया भावना रखने की बात कहते हैं।
Input- Navbharattimes