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बिना कोचिंग के चायवाले के बेटे ने क्रैक किया NEET का एग्जाम, अब बनेगा डॉक्टर

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Suraj Kumar Behera Crack NEET Exam: राजा का बेटा राजा बनता है और मजदूर का बेटा मजदूर, आपने भी कभी न कभी यह कहावत जरूर सुनी होगी। लेकिन अब वह दौर चला गया, जब मजदूर का बेटा मजदूर बनने पर मजबूर होता था। इस बात की बेहतरीन मिसाल पेश की है सूरज कुमार बेहरा (Suraj Kumar Behera) ने, जिसने चाय बेचकर NEET की परीक्षा पास करने में सफलता हासिल की है।

Suraj Kumar Behera

चायवाले का बेटा बनेगा डॉक्टर

ओडिशा के कंधमाल जिले में स्थित फूलबनी गाँव से ताल्लुक रखने वाले सूरज कुमार बेहरा (Suraj Kumar Behera) ने हाल ही में राष्ट्रीय पात्रता एंव प्रवेश परीक्षा (NEET) को क्लियर करने में सफलता हासिल की है, जबकि सूरज के पिता सिबा शंकर बेहरा पेशे से चाय बेचने का काम करते हैं। सिबा शंकर अस्पताल के बाहर चाय बेचते हैं, जबकि उनका सबसे बड़ा बेटा सूरज भी उनकी मदद करने के लिए दुकान में काम करता है। इसे भी पढ़ें – झोपड़ी में रहने वाले नेत्रहीन पिता की बेटी बनी सब-इंस्पेक्टर, 9 साल तक किया संघर्ष

सिबा शंकर चाहते थे कि उनका बेटा डॉक्टर बने, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह NEET की परीक्षा के लिए कोचिंग सेंटर में मोटी फीस जमा कर सके। ऐसे में सूरज ने अपने पिता के मन की दुविधा को समझ लिया और बिना कोचिंग क्लास जाए ही घर पर परीक्षा की तैयार करने लगे।

सूरज कुमार बेहरा ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में 720 में से 635 अंक प्राप्त किए हैं, जबकि उन्होंने सामान्य वर्ग में 8, 056वां रैंक हासिल किया है। वैसे तो सूरज कुमार बेहरा का परिवार अन्य पिछड़ा वर्ग से सम्बंध रखता है, लेकिन उनके पास आरक्षण प्रमाण पत्र नहीं था जिसकी वजह से वह फीस या रैंक में अतिरिक्त छूट का लाभ नहीं उठा पाए।

यूट्यूब से की थी एग्जाम की तैयारी

सूरज कुमार बेहरा (Suraj Kumar Behera) जब अपने पिता के साथ चाय की दुकान पर काम करते थे, तो वहाँ डॉक्टर चाय पीने के लिए आते थे और सूरज उनसे बातचीत करके अपने विचार शेयर करते थे। इस तरह सूरज को मेडिकल में एडमिशन लेने का आइडिया मिल गया था, जिसके बाद उन्होंने घर पर यूट्यूब की मदद से एग्जाम की तैयार करना शुरू कर दिया था।

ऐसा नहीं कि सूरज ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली, बल्कि उन्होंने NEET की परीक्षा में पास होने के लिए 5 बार पहले भी कोशिश की थी लेकिन उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हो पाई। लेकिन सूरज ने हालातों के आगे हार नहीं मानी और छठी बार प्रयास किया, जिसकी वजह से उन्हें एग्जाम क्रैक करने में कामयाबी मिल गई। इसे भी पढ़ें – बचपन में बकरियां चराई, 5 बार फेल हुए, इसके बावजूद भी नहीं मानी हार और बन गए IAS ऑफिसर

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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