Basil Cultivation: भारत में लगभग हर हिंदू के घर में तुलसी का पौधा जरूर देखने को मिलता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है और हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा भी की जाती है। ऐसे में सर्दी जुकाम या खांसी होने पर तुलसी की चाय पीने से काफी आराम मिलता है, जबकि बाज़ार में तुलसी का रेडिमेड तेल और अर्क भी मिलता है।
ऐसे में धान, गेंहू और दालों की पारंपरिक खेती करने वाले किसान फसलों के साथ नया प्रयोग कर रहे हैं, जिसके तहत उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में तुलसी की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। तुलसी के खेती से न सिर्फ पर्यावरण को फायदा मिलता है, बल्कि इससे किसान लाखों रुपए की कमाई भी कर सकते हैं।
तुलसी के खेती से कमाए लाखों रुपए
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थित नीर गाँव में रहने वाले अभिमन्यु 1 हेक्टेयर जमीन पर तुलसी की खेती कर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें पारंपरिक फसलों के मुकाबले ज्यादा मुनाफा कमाने का मौका मिल रहता है। इतना ही नहीं तुलसी की फसल सिर्फ 90 दिनों के अंदर तैयार हो जाती है, जिसकी वजह से किसान को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। इसे भी पढ़ें – ताइवानी रेड लेडी पपीते की खेती करके मालामाल हो रही है यह महिला किसान, एक पेड़ में लगेंगा 1 क्विंटल फल
अभिमन्यु ने सीतापुर जिले में सबसे पहली बार तुलसी की खेती देखी थी, जिससे प्रेरित होकर उन्होंने भी तुलसी की फसल उगाने का फैसला किया। इसके बाद अभिमन्यु ने हरदोई के जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार से मुलाकात की और तुलसी की खेती और उससे होने वाले फायदा से जुड़ी जानकारी प्राप्त की थी।
इसके बाद अभिमन्यु ने 1 हेक्टेयर जमीन पर तुलसी के पौधे लगा दिए, जिसके लिए उन्होंने जमीन को 20 सेंटीमीटर तक हैरो कल्टीवेटर से कटवा दिया है। इसके साथ ही वह तुलसी के पैदावार बढ़ाने के लिए गोबर से तैयार खाद का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी वजह से एक हेक्टेयर जमीन में तकरीबन 20 टन गोबर की खाद की जरूरत पड़ती है।
पौधों की करें खास देखभाल
तुलसी के पौधों को क्यारियों में लगाया जाता है, जो 10 सेंटीमीटर की दूरी पर मौजूद होते हैं। गर्मी के दिनों में तुलसी के पौधों की सिंचाई दिन के समय की जाती है, जबकि बरसात के मौसम में पौधों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है।
तुलसी की खेती करते समय उसकी साफ सफाई का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी होता है, इसलिए खेत को हर 3 से 4 हफ्ते बाद निराई गुड़ाई की जरूरत होती है। इस तरह तुलसी के पौधों की सही देखभाल और सिंचाई का ध्यान रखा जाए, तो फसल महज 90 दिनों के अंदर तैयार हो जाती है।
बाजार में तुलसी के तेल की मांग
तुलसी की फसल को तैयार होने के बाद उसके पौधों और पत्तियों से तेल निकालने का काम किया जाता है, ऐसे में 1 हेक्टेयर जमीन में उगने वाली तुलसी से लगभग 100 किलोग्राम से ज्यादा तेल निकाला जा सकता है। बाज़ार में तुलसी के तेल की मांग काफी ज्यादा है, जो 2 हजार रुपए प्रति लीट के दाम पर बिकता है।
वहीं कोरोना के बाद से तुलसी के तेल की मांग तेजी से बढ़ने लगी है, जिसकी वजह से तुलसी के खेती करने वाले किसानों को फायदा ही मिलता है। इसके अलावा जमीन में तुलसी की खेती करने से मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी होती है, जबकि आसपास की हवा भी साफ वह शुद्ध होती है। इसे भी पढ़ें – बैंक की नौकरी छोड़कर शुरू की मशरूम की खेती, सालाना कमा रहे हैं 38 से 40 लाख रुपए