Bhagwant Mann: भारत में इन दिनों चुनावी लहर चल रही है, क्योंकि 5 राज्यों में हुए चुनावी नतीजों ने हर किसी को हैरान रह दिया है। पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) ने कांग्रेस को उसी के गढ़ में हरा कर नया इतिहास रच दिया है, जबकि इस पार्टी से मुख्यमंत्री पद के दावेदार भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने राज्य के नामी नेताओं को हार का स्वाद चखाने का काम किया है।
भगवंत मान (Bhagwant Mann) के लिए यह चुनावी सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो लंबे वक्त तक कॉमेडी शो का चेहरा रहे हैं। ऐसे में सालों तक लोगों को गुदगुदाने वाले एक कॉमेडियन का पंजाब को जीत लेना बहुत ही अविश्वसनीय बात लगती है, तो आइए एक नजर डालते हैं भगवंत मान के चुनावी सफर पर।
12वीं पास भगवंत मान ने बदल दिया राजनीतिक इतिहास
भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 में पंजाब (Punjab) के संगरूर जिले (Sangrur) में स्थित सतोज गाँव (Satoj) में हुआ था, जिन्होंने 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद शहीद उधम सिंह गवर्नमेंट कॉलेज में बीकॉम में एडमिशन लिया था। लेकिन भगवंत मान बीकॉम की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए, जिसकी वजह से उन्हें कॉलेज छोड़ना पड़ा था।
भगवंत मान का स्वभाव मजाकिया था, इसलिए उन्होंने कभी भी बिजनेस या नौकरी करने के बारे में नहीं सोचा था। ऐसे में कॉलेज से निकलने के बाद भगवंत मान ने नाटक और कॉमेडी करने का फैसला किया, जिसके तहत उन्होंने अपना स्टेज नेम जुग्नू रख लिया। ये भी पढ़ें – बिहार की सात बहनें बनी पुलिस की शान, सारण की इन खाकी वर्दी वाली मेहनती बेटियों ने बढ़ाया मां-बाप का मान
इस तरह भगवंत मान ने कॉलेज के बाद पंजाब के विभिन्न शहरों में कॉमेडी शोज़ किए, जिसकी वजह से उन्हें काफी लोकप्रियता हासिल हुई। इसके बाद भगवंत मान ने पंजाब समेत देश के विभिन्न राज्यों में कॉमेडी शोज़ किए, जिसके बाद वह टीवी शो में आने लगे।
इस दौरान भगवंत मान ने द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज नामक टीवी शो में अपने कॉमेडी से लोगों को खूब गुदगुदाया, जिसमें उन्होंने कपिल शर्मा के साथ काम किया था। भगवंत मान ने टीवी शोज़ और फिल्मों में कॉमेडी करके खूब नाम और शोहरत कमाई, लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने करियर को एक नई दिशा देने का फैसला किया।
पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब के साथ राजनीति में रखा कदम
भगवंत मान ने कॉमेडी और एक्टिंग के क्षेत्र में अच्छा नाम कमा लिया था, जिसके बाद उन्होंने साल 2011 में पीपलस पार्टी ऑफ पंजाब (PPP) को ज्वाइन कर लिया था। हालांकि साल 2012 में हुए पंजाब इलेक्शन में लहरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने पर भगवंत मान को जीत नहीं मिल पाई, जिसके बाद उन्होंने साल 2014 में आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था।
आम आदमी पार्टी से जुड़ने के बाद भगवंत मान ने पहला लोकसभा चुनाव लड़ा और उसमें जीत हासिल करने में कामयाब रहे, जिसके बाद उन्होंने साल 2019 में दोबारा लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया और संगरूर जिले से दो बार सांसद बनकर संसद तक जा पहुँचे थे।
ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को भगवंत मान में सीएम पद का दावेदार दिखाई देने लगा, क्योंकि 10 सालों की राजनीतिक सफर में उनके ऊपर एक भी आरोप नहीं लगा था। यहाँ तक कि भगवंत मान किराए के घर पर रहते थे, जिसकी वजह से उन्होंने लोगों के दिलों और आम आदमी पार्टी में अपनी एक खास जगह बना ली थी। ये भी पढ़ें – कभी पुलिस कांस्टेबल थे मनोज रावत फिर सनी देओल की फिल्म से प्रेरित होकर बन गए IPS ऑफिसर
जनता के लिए पत्नी और बच्चों से हुए अलग
भगवंत मान के लिए एक कॉमेडियन और एक्टर से सांसद बनने तक का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि राजनीति में आते ही उनका समय पूरी तरह से बंट चुका था। जब तक वह कॉमेडियन और एक्टर के रूप में काम करते थे, उनके पास अपने परिवार और बच्चों के साथ वक्त बिताने के लिए काफी समय हुआ करता था।
लेकिन साल 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भगवंत मान जनता की सेवा करने और संसद के कामों में व्यस्त हो गए थे, जिसकी वजह से वह अपने परिवार को वक्त नहीं दे पाते थे। ऐसे में भगवंत मान की पत्नी ने साल 2015 में उनसे अलग होने का फैसला कर लिया और अपने दोनों बच्चों को लेकर अमेरिका शिफ्ट हो गई।
कांग्रेस को दिखाया बाहर का रास्ता
भगवंत मान (Bhagwant Mann) के लिए अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ना बिल्कुल भी आसान नहीं था, लेकिन वह अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी से भी पीछे नहीं हट सकते थे। लिहाजा उन्होंने पंजाब की जनता के लिए अपने परिवार को छोड़ दिया, उनका मानना है कि अब पंजाब के लोग ही उनका परिवार हैं।
ऐसे में पंजाब की जनता ने भी भगवंत मान (Bhagwant Mann) के त्याग और बलिदान की कदर करते हुए साल 2022 उन्हें में भारी वोट देकर सीएम पद जीतने में अहम भूमिका निभाई। इस तरह कॉमेडियन भगवंत मान ने पंजाब में 127 साल तक पैर जमाए रखने वाली कांग्रेस पार्टी को राज्य से बाहर का रास्ता दिखाकर आम आदमी पार्टी का परचम लहरा दिया। ये भी पढ़ें – भंवरलाल आर्य – 12 साल की उम्र में पेट भरने के लिए शुरू की मजदूरी, आज हैं करोड़ों के मालिक