Business Idea: किसान को हमारे देश में अन्नदाता कहा जाता है। दिन-रात खेतों में मेहनत करने के बाद किसान की फसलों से ही देश का पेट भरता है। देश में किसान बहुत ही अहम और महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन इसके बावजूद किसानों की आर्थिक स्थिति काफी चिंतनीय है।
खेती से किसानों की बहुत अधिक आमदनी ना होने के कारण उन्हें किसी तरह से अपने परिवार का पालन पोषण करना पड़ता है। खेती के अतिरिक्त भी किसानों के पास कोई और कमाई का साधन नहीं होता है। इसीलिए उन्हें मजबूरी में कर्ज लेना पड़ता है या फिर दूसरों के यहाँ मजदूरी करनी पड़ती है।
किसान कि इसी आर्थिक समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों के लिए कृषि के अतिरिक्त भी कई रोजगार के अवसर मुहैया करवाए हैं। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार के पास कई सारी योजनाएँ मौजूद हैं। यदि आप भी किसान हैं और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो आपको भी सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रहे इन योजनाओं का फायदा उठाना चाहिए।
यह भी पढ़ें- बेहद कम रुपयों में शुरू किया जा सकता है फ्रोजन मटर का बिजनेस, लागत से 10 गुना होगा ज्यादा मुनाफा
इन योजनाओं के माध्यम से आप की आर्थिक स्थिति सुधर सकती है और आप अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि क्या है यह योजना जिन से जुड़ कर के आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana)
दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के बारे में इस योजना के अंतर्गत किसानों को फिश फीडिंग मशीन एवं क्वालिटी टेस्टिंग लैब की भी सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। साथ ही साथ किसानों को यह में प्रशिक्षण दिया जाता है कि किस तरीके से मछलियों का रखरखाव और संरक्षण करना है।
बता दें कि सरकार की इस योजना के अंतर्गत किसानों को रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर (Recirculatory Aquaculture), बायोफ़्लोक, फिश फीड मशीन, एक वातानुकूलित गाड़ी एवं फिश कीपिंग प्रदान की जाती है।
मत्स्य पालन में सरकार करेगी सहायता
इस योजना के अंतर्गत पिंजरे में मछली पालन, कलरफुल फिश फार्मिंग, प्रमोशन और ब्रांडिंग जैसे अन्य मछली पालन से जुड़े लाभ भी किसानों को प्राप्त हो जाते हैं। देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत की गई है। सरकार द्वारा शुरू इस मत्स्य सम्पदा योजना को नील क्रांति का नाम भी दिया जा रहा है। इस योजना के लिए किसान, मछली विक्रेता, स्वयं सेवी समूह, फिश ट्रेडर्स आदि आवेदन कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- 25 हजार की लागत से करें इस पेड़ की खेती, पांच सालों में होगी 50 लाख रुपए से भी अधिक की कमाई