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नीलकमल: बटन बनाने वाली कंपनी से 1800 करोड़ का साम्राज्य खड़ा करने तक का सफर है शानदार

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Success Story of Nilkamal Plastic – लोग ऐसी कंपनी और ब्रांड को हमेशा याद रखते हैं, जिसकी चीजें सालों साल तक बिना टूटे चलती रहती हैं। यह ब्रांड ग्राहकों का विश्वास जीतने के साथ-साथ अपनी क्वालिटी के लिए दुनिया भर में मशहूर हो जाते हैं, जिनमें से एक है नीलकमल।

अगर आप मजबूत और टिकाऊ फर्नीचर खरीदना चाहते हैं, तो नीलकमल से बेहतरीन ब्रांड शायद ही आपको कहीं मिलेगा। यह ब्रांड प्लास्टिक की कुर्सी और टेबल आदि के लिए मशहूर है, जो ग्राहकों को मजबूत प्लास्टिक फर्नीचर प्रदान करने काम करती है। Success Story of Nilkamal Plastic

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नीलकमल कंपनी की शुरुआत (Success Story of Nilkamal Plastic)

भारत में प्लास्टिक से तैयार फर्नीचर को बेचने का श्रेय नीलकमल (Nilkamal Plastic) को दिया जाता है, जिसने भारतीय बाजारों में मजबूत प्लास्टिक से बने कुर्सी और टेबल बेचने का काम शुरू किया था। यह प्लास्टिक फर्नीचर इतने मजबूत होते हैं कि वह आसानी से टूटते नहीं है और सालों साल तक टिकाऊ रहते हैं, यही वजह है कि नीलकमल देश भर में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है।

नीलकमल ब्रांड (Neelkamal Plastic) की शुरुआत गुजरात से ताल्लुक रखने वाले बृजलाल बंधुओं (BRIJLAL BROTHER) नामक दो भाईयों ने की थी, जिन्होंने नीलकमल को एक बटन बनाने वाली कंपनी के रूप में शुरू किया था। दरअसल बृजलाल बंधु बिजनेस में शुरू करने के मकसद से गुजरात से मुंबई आए थे, जबकि उनका गुजरात में पहले से ही एक बिजनेस चल रहा था लेकिन उनके एक बिजनेस पार्टनर ने ऐन वक्त पर साथ छोड़ दिया था।

BRIJLAL-BROTHER

ऐसे में बृजलाल बंधुओं को नया व्यापार शुरू करने के लिए मुंबई आना पड़ा, जहाँ उन्होंने मार्केट पर रिसर्च वर्क करने के बाद प्लास्टिक के बटन बनाने का कारोबार शुरू किया था। इस काम के लिए बृजलाल बंधुओं ने मशीनें भी खरीदी थी, लेकिन उन्हें जल्द की एहसास होना लगा कि इस काम में मेहनत और लागत ज्यादा है जबकि मुनाफा काफी कम है।

हालांकि इसके बावजूद भी बृजलाल बंधुओं ने प्लास्टिक के बटन बनाने का काम जारी रखा, जो धातु से बने बटन के मुकाबले सस्ते और कम वजनदार थे। ऐसे में आम लोगों को प्लास्टिक से बने बटन पसंद आने लगे, जिसकी वजह से बृजलाल बंधुओं का कारोबार तेजी से आगे बढ़ने लगा।

Nilkamal-Plastic-Furniture

बाजार में लॉन्च किया था पहला प्लास्टिक फर्नीचर

इसके बाद बृजलाल बंधुओं ने प्लास्टिक प्रोडक्ट्स को बढ़ाने का फैसला किया, जिसमें घर में इस्तेमाल होने वाले मग, कप, बाल्टी और स्टूल जैसी छोटी-छोटी चीजें शामिल थी। ऐसे में बृजलाल बंधुओं ने साल 1964 में अपने कारोबार को आगे बढ़ाते हुए पानी स्टोर करने वाले प्लास्टिक के बड़े ड्रम बाज़ार में लॉन्च किए थे।

इस तरह बृजलाल बंधुओं का बिजनेस पूरी मुंबई में फैलने लगा, जिसके बाद उनकी अलगी पीढ़ी यानी उनके बेटों वामन पारेख (VAMANRAI PAREKH) और शरद पारेख (SHARAD PAREKH) ने बिजनेस संभालना शुरू कर दिया। इस तरह साल 1981 में नीलकमल प्लास्टिक (Nilkamal Plastics) की नींव रखी गई।

MIHIR-PAREKH

भारत में लंबे समय तक प्लास्टिक का घरेलू सामान बेचने के बाद नीलकमल ने फर्नीचर (Nilkamal Plastic Furniture) के क्षेत्र में कदम रखने के फैसला किया, जिसके बाद साल 2005 में पहली बार नीलकमल ने भारतीय बाजारों में कुर्सी और टेबल बेचना शुरू किया।

वर्तमान में नीलकमल प्लास्टिक लिमिटेड (Nilkamal Plastics) को बृजलाल बंधुओं की तीसरी पीढ़ी संभाल रही हैं, इस वक्त बृजलाल बंधुओं का पोता मिहिर पारेख (MIHIR PAREKH) कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। आंकड़ों की मानें तो साल 2018 में नीलकमल कंपनी ने 123 करोड़ रुपए का मुनाफा और 1,800 करोड़ रुपये का मार्केट कैप दर्ज किया था।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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