भारत और पाकिस्तान की सीमा पर सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे भारतीय BSF जवानों ने एक ऐसा कार्य किया है, जिससे उनकी मानवता व दयालुता का परिचय मिलता है। एक छोटा 8 वर्ष का मासूम बच्चा जब राजस्थान जिले के बाड़मेर में भूलवश सीमा पार करके भारत में घुस आया तो वहाँ BSF के जवानों को देखकर घबरा गया था और रोने लगा। फिर उन सह्रदय जवानों ने उस बच्चे को प्यार से चुप कराया और उसे उसके वतन पाकिस्तान वापस भेज दिया। चलिए जानते हैं यह पूरी घटना।
अपने घर का रास्ता भूलकर भटक गया था यह बालक
राजस्थान राज्य के कुछ जिलों जैसे बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और गंगानगर की सीमाएँ पाकिस्तान से जुड़ी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत-पाकिस्तान की अंतराष्ट्रीय सीमा, जो कि राजस्थान के बाड़मेर में जुड़ती है, उस सीमा पर गत शुक्रवार शाम को लगभग 5.20 बजे एक पाकिस्तानी बच्चा भूल से पार कर भारत की सीमा में आ गया। 8 साल का करीम नाम का वह बच्चा दरअसल अपने घर का रास्ता भटक गया था और भूल से अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करते हुए BSF की 83वीं बटालियन की सीमा चौकी सोमरत के बॉर्डर पिलर नंबर 888 / 2-S के पास से भारत के भीतर आ गया।
जवानों को देखकर रोने लगा तो उन्होंने चॉकलेट देकर कराया चुप
भारत की सीमा में आने के बाद करीम ने जब जवानों को देखा तो वह घबरा कर रोने लगा था। उसके रोने की आवाज़ सुनकर BSF के जवान वहाँ पहुँचे तथा उसे चॉकलेट व बिस्किट देकर प्यार से चुप कराया। फिर उन्होंने करीम से सारी बात पूछी कि वह किस तरह से भारत में आया, तब उन्हें वास्तविक परिस्थिति का पता चला।
उससे बात करने पर जवानों को मालूम हुआ कि वह बालक करीम खान रास्ता भटक कर भारत की सीमा में प्रवेश कर गया था, उसने बताया की वह पाकिस्तान के थारपारकर जिले में स्थित नागरपारकर तहसील में रहता है और गलती से यहाँ आ पहुँचा।
फ्लैग मीटिंग हुई और बच्चे को पाकिस्तान रेंजर्स को सौंपा गया
बालक करीम खान से सारी बात जानने के बाद BSF के जवानों ने इसकी सूचना अपने अधिकारियों तक पहुँचाई। फिर पाक रेंजर्स को भी इस घटना की इत्तला की गई और फिर भारतीय सेना के अधिकारियों ने पाक रेंजर्स के साथ मिलकर एक फ्लैग मीटिंग की, यह मीटिंग करीब 2 घंटे तक चली, फिर उसके बाद भारत के जवानों में इंसानियत दिखाते हुए उस बच्चे को शाम के समय करीब 7 बजकर 15 मिनट पर पाकिस्तान रेंजर्स को वापस सौंप दिया।
बच्चे को खाना खिलाकर भेजा गया पाकिस्तान
BSF के जवानों ने उस मासूम बालक करीम खान के लिए सह्रदयता दिखाई तथा उसे दुलारकर खाना खिलाया और पानी पिलाया, फिर फ्लेग मीटिंग के बाद उसे उसके वतन भेज दिया गया था। आपको बता दें कि भारत के पश्चिमी क्षेत्र में राजस्थान के पश्चिमी भाग में 4 ऐसे जिले हैं, जिनकी सीमाएँ भारत के अंतराष्ट्रीय बॉर्डर से जुड़ी हुई हैं। राजस्थान के इन जिलों में बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और गंगानगर शामिल हैं। इनमें से सबसे ज़्यादा जैसलमेर जिले की सीमा जो कि 464 किलोमीटर तक पाकिस्तान से जुड़ी हुई है। इसके अलावा बाड़मेर जिले की सीमा 228 किलोमीटर तक पाकिस्तान से जुड़ी है।
भारत ने पेश की मानवता की मिसाल लेकिन पाक ने नहीं भेजा था गेमाराम मेघवाल को
ऐसे कई मौके आए हैं जब भारत ने दयालुता और मानवता की मिसाल पेश करते हुए पाकिस्तान की मदद की है, परन्तु पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया। यहाँ तक कि नवंबर 2020 में जब राजस्थान के बाड़मेर जिले में बिजराड़ थाना क्षेत्र का रहने वाला एक 19 साल का युवक, जिसका नाम गेमाराम मेघवाल था, वह भी उस बालक करीम खान की ही तरह भूल से भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करके पाकिस्तान चला गया था, परन्तु पाकिस्तान ने उसे अब तक भारत में नहीं भेजा है।
इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतीयों का दिल पाकिस्तानियों से बहुत बड़ा है और जब बात इंसानियत की हो तो भारतीय लोग सारी दुश्मनी भुलाकर मानवता के फ़र्ज़ को निभाते हैं।