हमारे समाज में महिलाओं को काफ़ी कमजोर समझा जाता है और उन्हें घर-गृहस्थी से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि आज सोच बदली है और महिलाएँ भी हर क्षेत्र में काम करने लगी है। लेकिन फिर भी उन्हें हर बार ख़ुद को प्रूव करना पड़ता है। कहीं ऐसी गलती ना हो जाए जिसकी वज़ह से उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया जाए और घर पर बैठा दिया है जाए।
वहीं हमारे समाज में अनेक ऐसी महिलाएँ हैं जो इन सब से काफ़ी ऊपर उठ चुकी हैं। उन्होंने वह मुकाम हासिल कर ली है जो उनसे कोई नहीं छीन सकता। ये महिलाएँ काम के प्रति काफ़ी सजग हैं और इनमें कर्तव्यनिष्ठता तो इतना है कि इन्होंने अपने बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद ही अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली। आज हम ऐसी ही पांच महिलाओं की चर्चा करेंगे जिन्होंने अपने बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद ही अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली-
1.बच्चे को जन्म देने के 22 दिन बाद ही ड्यूटी ज्वाइन कर ली इस IAS Officer ने
ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम (GVMC) की नगर आयुक्त आईएएस अधिकारी जी. सृजना ने बच्चे को जन्म देने के 22 दिन बाद ही ड्यूटी शुरू कर दी। इन्होंने वापस काम में शामिल होने और कोरोना के ख़िलाफ़ राज्य की लड़ाई में मदद करने के लिए अपनी ‘मैटरनिटी लीव’ को रद्द कर दिया था।
अपनी नवजात बेटी को मेज पर सुलाकर ड्यूटी निभा रही हैं उत्तर प्रदेश की कॉंस्टेबल अर्चना जयंत
अपनी नवजात बेटी को मेज पर सुलाकर अपना काम करते हुए इनकी तस्वीर अक्टूबर 2018 में वायरल हुई थी, जिसे देखने के बाद लोगों ने इनकी सराहना करते हुए उन्हें ‘सुपर मॉम’ कहा था। झांसी के पुलिस उपमहानिरीक्षक ‘सुभाष सिंह’ ने अपनी नौकरी और बच्चे के प्रति कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए अर्चना की प्रशंसा करते हुए ट्वीट किया था, “21वीं सदी की महिला कोई भी ज़िम्मेदारी उठा सकती है।”
नौ महीने की प्रेगनेंट होने के बाद भी निरंतर काम करती रही कर्नाटक अस्पताल की ये नर्स
कर्नाटक के शिवमोगा के एक अस्पताल की नर्स ‘रूपा प्रवीण राव’ ने अपनी ड्यूटी को सबसे ऊपर रखा और नौ महीने की प्रेगनेंट होने के बावजूद भी COVID-19 के मरीज़ों की सेवा से करते रहने का साहस किया। इनका मानना था कि ये उनकी ज़िम्मेदारी थी कि वह उन रोगियों की देखभाल करें क्योंकि उन्हें इनकी ज़रूरत थी।
परीक्षा के दौरान बच्चे को जन्म देने के बाद परीक्षा ख़त्म की इस अमेरिकी महिला ने
शिकागो में लोयोला यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ लॉ की प्रेगनेंट स्टूडेंट ‘Brianna Hill’ को परीक्षा के दौरान लेबर पेन शुरू हुआ और थोड़ी देर बाद ही उन्होंने बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद वापस आकर अपनी अधूरी परीक्षा पूरी की। अस्पताल जाने में कुछ समय बचा था और इतने समय में ही तो उन्होंने परीक्षा का दूसरा भाग किया।
उत्तर प्रदेश की ये सरकारी अधिकारी एक हफ़्ते के अपने बच्चे को लेकर काम पर लौटीं
ग़ाज़ियाबाद की SDM ‘सौम्या पांडे’ ने अपनी मैटरनिटी लीव को रद्द कर दिया और अपने एक हफ़्ते के बच्चे को लेकर ड्यूटी ज्वाइन कर लिया। वह अपने सारे काम बच्चे को गोद में लेकर करती हैं और उसकी पूरी देखभाल करने के साथ-साथ काम की सारी ज़िम्मेदारी भी बेहतरीन तरिके से निभाती हैं।