New Delhi: दिल्ली में प्रदूषण दशकों से एक बड़ा सवाल रहा है। इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा 7 अगस्त 2020 को दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (Delhi Electric Vehicle Policy) नामक योजना की शुरुआत की गई। इसके तहत सरकार ग्राहकों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सब्सिडी प्रदान करती है। अब दिल्ली सरकार से इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को आज एक और महत्त्वपूर्ण उपहार मिलने वाला है।
उपहार में दिल्लीवासियों (Delhi) को उनके इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) को आसानी से चार्ज करने के लिए 140 नए चार्जिंग स्टेशन खोले गए हैं। ये पॉइंट्स 27 जून से ऑपरेशनल होंगे। साथ ही, 48 बैटरी स्वैपिंग सेवाएँ भी उपलब्ध होंगी, जिसके माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी तुरंत बदली जा सकेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) इन चार्जिंग स्टेशनों का उद्घाटन कर जनता के सुपुर्द करेंगे।
दिल्ली के EV चार्जिंग स्टेशन के नेटवर्क में आज 42 स्टेशन और जोड़े गए। देशभर के एक तिहाई चार्जिंग स्टेशन सिर्फ़ दिल्ली में ही हैं। देशभर के आधे से ज़्यादा EV वाहन दिल्ली में चल रहे हैं।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 27, 2023
दिल्ली की EV पॉलिसी देश की सबसे बेहतर पॉलिसी है। दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन चलाना देशभर में… pic.twitter.com/Tpb8cotctq
दिल्ली में भारत का सबसे बड़ा नेटवर्क है, जहाँ 4500 सार्वजनिक चार्जिंग प्वाइंट्स मौजूद हैं। इन प्वाइंट्स पर दिल्ली के ई-वाहन चालक मात्र तीन रुपए प्रति यूनिट की दर पर चार्ज कर सकते हैं। दिल्ली में 42 स्थानों पर भारत में सबसे कम चार्जिंग दाम वाले स्टेशन तैयार किए गए हैं और यहाँ 62 बैटरी स्वैपिंग सुविधाएँ भी हैं।
दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) की बढ़ती संख्या के साथ-साथ इलेक्ट्रिक चार्जर की मांग भी बढ़ रही है, इसलिए दिल्ली सरकार चार्जिंग पॉइंट की संख्या बढ़ा रही है। योजना है कि दिल्ली सरकार 2025 तक 18 हजार चार्जिंग प्वाइंट्स को तैयार करेगी।
दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली ईवी पॉलिसी की शुरुआत की थी। इस पॉलिसी के तहत, सरकार इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर सब्सिडी प्रदान करती है। इलेक्ट्रिक कारों के लिए 1.5 लाख रुपए, ई-रिक्शा के लिए 30 हजार रुपए और दोपहिया वाहनों के लिए 5 हजार रुपए प्रति किलोवॉट-घंटे के लिए प्रदान की जाती है। इसके अलावा, अब तक कुल 1.2 लाख ईवी के लिए कुल 120 करोड़ रुपए का टैक्स मुक्त किया गया है और सब्सिडी के रूप में 169 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है।