Woman Entrepreneur Pooja Kanth – एक माँ को अपने बच्चे से कितना प्यार होता है, इस बात को शब्दों के माध्यम से समझा पाना शायद ही किसी के लिए मुमकिन होगा। माँ अपने खून से बच्चे को सिंचती है और उसकी अच्छी परवरिश के लिए हर मुमकिन प्रसाय करती है।
ऐसे में अगर एक कामकाजी महिला बच्चे की अच्छी परवरिश का भार उठाती है, तो उसके लिए यह सफर और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी माँ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने अपने बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए नौकरी छोड़कर खुद का बिजनेस शुरू कर दिया।
त्याग और समर्पण का दूसरा नाम है मां
दिल्ली की रहने वाली पूजा कंठ (Pooja Kanth) ने कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब करना शुरू कर दिया था, जिसे उन्होंने शादी के बाद भी जारी रखा। हालांकि साल 2012 में पूजा ने बेटे को जन्म देने के बाद उसकी देखभाल के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और घर पर ही रहने लगी।
इस दौरान पूजा ने इंटरनेट की मदद से खाली समय में मैक्रमे आर्ट (Macrame Art) सीखना शुरू कर दिया, क्योंकि उन्हें पहले से ही सिलाई कढ़ाई की बेसिक जानकारी थी। ऐसे में पूजा ने घर बैठे नए तरीके का काम सीखा और उससे पैसे कमाने का जरिए खोज निकाला।
मैकर्मे आर्ट (Macrame Art) के जरिए लाखों की कमाई
मैकर्मे आर्ट सीखने के बाद पूजा कंठ को एहसास हुआ कि वह घर से ही अपना बिजनेस शुरू कर सकती हैं, जिसके बाद उन्होंने बच्चे की देखभाल के साथ खाली समय में जूट और सूती धागों की मदद से घर की सजावट का सामान तैयार करना शुरू कर दिया।
मैकर्मे आर्ट एक तरह के हैंड क्राफ्ट आर्ट होती है, जिसमें मैकर्मे धागे को आपस में गूंथकर अलग-अलग प्रकार की कलाकृतियाँ और डिजाइन आदि तैयार किए जाते हैं। पूजा कंठ ने घर बैठे इस आर्ट को सीखा और फिर खुद के बनाए प्रोडक्ट्स को बाज़ार में बेचने लगी।
शुरू किया ‘Pooja ki Potli’ का बिजनेस
जब पूजा का मैकर्मे आर्ट का बिजनेस अच्छा चलने लगा, तो उन्होंने इसे एक बेहतरीन नाम देने का फैसला किया। इस तरह साल 2018 में उन्होंने पूजा की पोटली (Pooja ki Potli) नाम से अपने बिजनेस को आगे बढ़ाया, जिसके तहत ग्राहकों को हैंड क्राफ्ट आइटम बेचे जाते हैं। इतना ही नहीं पूजा की पोटली ने घर में रहने वाली कई महिलाओं को रोजगार भी प्रदान किया और उन्हें मैकर्मे आर्ट की ट्रेनिंग भी दी, जिसकी वजह से उन महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत होने में मदद मिली।
आज पूजा कंठ अपने बेटे की अच्छी परवरिश करने के साथ-साथ बिजनेस भी चला रही हैं, जिसके जरिए वह महीने में 1 लाख रुपए तक की कमाई करती हैं। यह रकम इतनी ज्यदा है कि पूजा को नौकरी के दौरान इतनी सैलरी नहीं मिलती थी, वहीं उनके प्रोडक्ट्स की मांग भी दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। हालांकि शुरुआत में पूजा को अपने साथ महिलाओं को जोड़ने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि जिस एरिया में रहती थी वहाँ कि महिलाओं को मैकर्मे आर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन पूजा कंठ ने हार नहीं मानी और उन महिलाओं को ट्रेनिंग देकर अपना बिजनेस शुरू किया।
Macrame Art से विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट
Macrame Art से सिर्फ सजावट का सामना ही तैयार नहीं किया जाता है, बल्कि इसमें मोटे धागों के जरिए बहुत ही खूबसूरत कलाकृतियाँ बनाई जाती हैं। जिसमें झालर से लेकर गमलों के कवर, किताबें रखने वाला स्टेंड और गार्डन डेकॉर शामिल है। Pooja ki Potli के ज्यादातर आर्डर ऑनलाइन दिए जाते हैं, जिनकी कीमत 100 से 5 हजार रुपए के बीच होती है। लॉकडाउन के दौरन भी पूजा को हफ्ते में कम से कम 200 से 250 आर्डर मिल जाते थे, जिसकी महामारी के दौरान हैंड क्राफ्ट करने वाली महिलाओं की आर्थिक मदद हो जाती थी।
पूजा कंठ (Pooja Kanth) अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्ट तैयार करती हैं, जिसकी वजह से उनके प्रोडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही वह अपने प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए हैंड क्राफ्ट बॉक्स भी तैयार करते हैं, जो ग्राहकों को काफी पसंद आते हैं।
रॉ मैटिरियल भी सप्लाई करती हैं पूजा
पूजा अपना बिजनेस तो बेहतरीन ढंग से संभाल ही रही हैं, इसके साथ ही वह दूसरे बिजनेस में भी दिलचस्पी दिखा रही हैं। यही वजह है कि उन्होंने ग्राहकों को मैकर्मे आर्ट का रॉ मेटिरियल बेचना शुरू कर दिया है, क्योंकि देश के विभिन्न राज्यों में महिलाएँ और युवा मैकर्मे आर्ट सीखकर पैसे कमाना चाहते हैं।
ऐसे में पूजा द्वारा सप्लाई किया गया रॉ मैटिरियल उन लोगों की मदद करता है और पूजा को इस काम से भी अच्छी कमाई हो जाती है। इतना ही नहीं पूजा कंठ द्वारा तैयार किए गए प्रोडक्ट्स और बॉक्स पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं, इसलिए उनके निर्माण और नष्ट करने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है।