भारत में बैन हैं ये किताबें, भूलकर भी न खरीदें, पढ़ने पर जेल हो जाएगी
भारत में बैन हैं ये किताबें, भूलकर भी न खरीदें,
पढ़ने पर जेल हो जाएगी
द सैटेनिक वर्सेज
द सैटेनिक वर्सेज
इस किताब को ब्रिटिश इंडियन राइटर सलमान रुश्दी ने लिखा है, जिसमें मोहम्मद साहब का अपमान करने का आरोप लगा है।
इस किताब को ब्रिटिश इंडियन राइटर सलमान रुश्दी ने लिखा है, जिसमें मोहम्मद साहब का अपमान करने का आरोप लगा है।
द हिंदूजः एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री
द हिंदूजः एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री
इस किताब को वेंडी डोनिगर ने लिखा है, जिसमें हिंदू धर्म और उससे जुड़े रीति रिजावों का मजाक उड़ाया गया है।
इस किताब को वेंडी डोनिगर ने लिखा है, जिसमें हिंदू धर्म और उससे जुड़े रीति रिजावों का मजाक उड़ाया गया है।
अंडरस्टैंडिंग इस्लाम थ्रू हदीस
अंडरस्टैंडिंग इस्लाम थ्रू हदीस
इस किताब पर इस्लाम धर्म का मजाक उड़ाने का आरोप है, जबकि इसके प्रकाशक को जेल की सजा भी हुई थी।
इस किताब पर इस्लाम धर्म का मजाक उड़ाने का आरोप है, जबकि इसके प्रकाशक को जेल की सजा भी हुई थी।
द रामायण इज गोल्ड
द रामायण इज गोल्ड
हिंदू धर्मग्रंथ रामायण पर गलत टिप्पणी करने की वजह से द रामायना इज गोल्ड को भारत में बैन किया गया है।
हिंदू धर्मग्रंथ रामायण पर गलत टिप्पणी करने की वजह से द रामायना
इज गोल्ड
को भारत में बैन किया गया है।
जिन्ना इंडिया पार्टीशन इंडेपेंडेंस
जिन्ना इंडिया पार्टीशन इंडेपेंडेंस
इस किताब में मोहम्मद अली जिन्ना का जिक्र किया गया है, जिन्हें देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार नहीं माना जाता है।
इस किताब में मोहम्मद अली जिन्ना का जिक्र किया गया है, जिन्हें देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार नहीं माना जाता है।
जसवंत सिंह
जसवंत सिंह
इस किताब को जसवंत सिंह ने लिखी थी जिसमे पंडित जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल को बंटवारे का जिम्मेदार बताया गया है।
इस किताब को जसवंत सिंह ने लिखी थी जिसमे पंडित जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल को बंटवारे का जिम्मेदार बताया गया है।
लज्जा
लज्जा
तस्लीमा नसरीन की किताब लज्जा भारत में बैन है, जिसमें कट्टरपंथियों का जिक्र किया गया है।
तस्लीमा नसरीन की किताब लज्जा भारत में बैन है, जिसमें कट्टरपंथियों का जिक्र किया गया है।
एन एरिया ऑफ डार्कनेस
एन एरिया ऑफ डार्कनेस
1960 के दशक की इस किताब को भारत में बैन किया गया है, जिसमें देश की छवि को गलत दर्शाया गया है।
1960 के दशक की इस किताब को भारत में बैन किया गया है, जिसमें देश की छवि को गलत दर्शाया गया है।
द हार्ट ऑफ इंडिया
द हार्ट ऑफ इंडिया
इस किताब में भारत की आर्थिक और राजनीति नीतियों का जिक्र किया गया है, जिसकी वजह से यह किताब बैन है।
इस किताब में भारत की आर्थिक और राजनीति नीतियों का जिक्र किया गया है, जिसकी वजह से यह किताब बैन है।
Next: ट्रेन में MRP से ज्यादा दाम पर खाने-पिने का सामन बेचने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई ,रेलवे ने जारी किया सख्त नियम
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