विदेश में नौकरी का ऑफर ठुकरा कर गाँव में शुरू की ड्रैगन फ्रूट की खेती, आज लाखों की कमाई कर रहा यह युवा किसान

Dragon Fruit Farming: भारत में आधुनिक खेती का प्रचलन काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसकी वजह से किसान नए-नए तरीकों से फसल उगाकर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। इसी आधुनिक खेती से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश के एक युवक ने विदेश में नौकरी का ऑफर ठुकरा कर गाँव में फसल उगाना शुरू कर दिया, जिसकी बदौलत वह लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।

Ravindra Pandey Dragon Fruit Farmer

विदेश की नौकरी ठुकरा शुरू की खेती

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में स्थित सिराथू तहसील में रहने वाले रवींद्र पांडेय (Ravindra Pandey) इन दिनों ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Farming) की वजह से खूब सुर्खियाँ बटौर रहे हैं, जिससे उन्हें सालाना लाखों रुपए की कमाई हो रही है। रवींद्र पांडेय हमेशा से एक किसान नहीं थे, बल्कि उन्हें एक विदेशी प्राइवेट कंपनी में जॉब ऑफर हुई थी। इसे भी पढ़ें – दुबई की अच्छी नौकरी छोड़कर शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती, कमा रहे 7 लाख रुपए

रवींद्र ने बीएससी की डिग्री प्राप्त की थी, जिसके बाद एक विदेशी कंपनी में नौकरी का ऑफर मिला था। लेकिन रवींद्र ने विदेश में जाकर नौकरी करने के बजाय खेती करने का फैसला लिया, जिसकी वजह से उन्हें लोगों के ताने भी सुनने पड़े थे। इसी बीच उनकी मुलाकात एक कृषि गोष्टी के दौरान तत्कालीन डीएम अखंड प्रताप सिंह से हुई थी।

उस कृषि गोष्टी में ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में किसानों की जानकारी दी जा रही थी, जो मूल रूप से कैक्टस प्रजाति से ताल्लुक रखने वाला एक पौधा होता है। ऐसे में रवींद्र को भी ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का मन हुआ, लिहाजा उन्होंने पायलट प्रोजेक्ट के तहत 10 बिस्वा खेत में ड्रैगन फ्रूट की नर्सरी तैयार कर ली।

62 हजार की लागत से 4 लाख रुपए की कमाई

इस ड्रैगन फ्रूट की नर्सरी को शुरू करने के बाद रवींद्र पांडेय का जीवन पूरी तरह से बदल गया था, उस वक्त 400 ड्रैगन फ्रूट्स के पौधों को तैयार करने में 62 हजार रुपए का खर्च आया था। वर्तमान में रवींद्र ड्रैगन फ्रूट की खेती करके 4 लाख रुपए तक की कमाई करते हैं, जबकि नर्सरी में मौजूद ड्रैगन फ्रूट के पौधों को ऊंचे दामों पर बेचते हैं।

रवींद्र पांडेय ने ड्रैगन फ्रूट की नर्सरी तैयार करने के लिए अपने पिता सुरेश चंद्र पांडेय की मदद ली थी, जिसके बाद उन्हें लगभग 2 साल तक पौधे तैयार करने के लिए खूब मेहनत करनी पड़ी थी। रवींद्र ड्रैगन फ्रूट के पौधों को उगाने के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी वजह से उन्हें पौधे तैयार करने में काफी मदद मिलती है। इसे भी पढ़ें – शिमला मिर्च की खेती से बदल गई किसान की किस्मत, हर साल कमाता है 1 करोड़ रुपए का मुनाफा