आज भी देश में ऐसे सैनिक और पुलिस ऑफिसर हैं जो सबसे पहले अपने कर्तव्य को ही प्राथमिकता देते हैं और देश के लिए मर मिटने को तैयार रहते हैं। ऐसी ही एक महिला इंस्पेक्टर हैं एन. माहेश्वरी, जिन्होंने अपने पिता के निधन की सूचना मिलने पर भी अपने कर्तव्य पथ को नहीं छोड़ा और अपनी ड्यूटी पर तैनात रहीं।
उन्होंने अपने ग़म को सबसे छुपाकर ख़ुद को संभाला और देश के प्रति अपनी जिम्मदारियों को निभाती रहीं। वे तमिलनाडु पुलिस की एक निडर और समझदार पुलिस इंस्पेक्टर हैं।
दुख को दबाकर 15 अगस्त को परेड का नेतृत्व किया
उन्हें 14 अगस्त की रात को सूचना मिली कि उनके पिताजी नारायणसामी जो 83 साल के थे, उनका निधन हो गया है। एक पिता कि मौत होने पर बच्चों पर क्या बितती है ये तो हम सभी समझ सकते हैं, लेकिन फिर भी एन. माहेश्वरी जी ने अपने आप को मज़बूत बनाया और अगले दिन 15 अगस्त को वीओसी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह में परेड का नेतृत्व किया।
उन्होंने किसी को पता नहीं लगने दिया कि उनके हृदय पर क्या बीत रही है। पूरे कार्यक्रम में वे मास्क पहने हुए थीं और अपनी ड्यूटी निभा रही थीं। मास्क के पीछे छुपे उनके गमगीन चेहरे को कोई देख नहीं पाया पर उन्होंने परेड को बहुत अच्छे से लीड किया। उन्होंने कलेक्टर शिल्पा प्रभाकर सतीश और पुलिस अधीक्षक के लिए गार्ड ऑफ ऑनर भी पेश किया।
परेड समाप्त होने के बाद किया पिता का अंतिम संस्कार
उनके पिताजी का निधन डिंडीगुल नामक जिले में वृद्धावस्था में बीमारी के चलते हुआ था। उनकी मृत्यु का समाचार सुनते ही वे अपने घर जाना चाहती थीं लेकिन उन्होंने ख़ुद को काबू किया और परेड समाप्त होने के पश्चात् ही वे अपने पिताजी के अंतिम संस्कार के लिए गईं। उनका जज़्बा तरीफ के काबिल है।
पति को भी हुआ था कोरोना संक्रमण, रही थीं क्वारंटीन
इनके पति बालामुरुगन तिरुनेलवेली जो कि सिटी पुलिस की इंटेलिजेंस यूनिट में काम करते हैं, वे भी कोरोना पॉज़िटिव हुए थे और उन्होंने अभी कुछ ही समय पूर्व कोरोना से ठीक होकर फिर से ड्यूटी ज्वाइन की है। इस वज़ह से एन. माहेश्वरी जी भी करीब 14 दिन तक क्वारंटीन रहीं थीं। वे जिस समय 15 अगस्त की परेड की प्रैक्टिस किया करती थीं उस समय भी उन पर अपने परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी थी, जो वे पूरे मन से निभा रही थीं।
सभी ने उनके हौंसले की दाद दी
उनकी इस देशभक्ति की भावना और जज़्बे को देखकर हर कोई हैरान था और उनकी तारीफ कर रहा था। इतना ही नहीं उन्हें सोशल मीडिया पर हर कोई सराह रहा है और उन्हें मैसेज करके प्रोत्साहित कर रहा है, वैसे अभी उन्हें इस दुखभरी परिस्थिति से उबरने में थोड़ा समय लगेगा। हम सभी ऐसे देशभक्तों को दिल से सम्मान देते हैं। सभी को उनसे प्रेरणा लेकर देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पूरे हृदय से निर्वाह करना चाहिए।