आपने भी अपने बचपन के दौरान मेले में या किसी और जगह लाॅटरी में तो ज़रूर हाथ आजमाया ही होगा। लेकिन भला आप इतनी अच्छी क़िस्मत वाले कहाँ हैं जो आपकी लॉटरी लग जाए। आपने तो लाॅटरी के नाम पर अपने घर से पैसे और खराब कर दिए होंगे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आख़िर जिसकी लॉटरी लग जाती होगी कौन होगा वो? उन पैसों का क्या करत होगा? क्या आजतक कभी किसी की लाॅटरी लगी भी है या नहीं। आइए आज हम आपको भारत के 10 ऐसे लोगों के बारे में बताते हैं जिन्हें लाॅटरी ने क्या से क्या बना दिया।
1- पोरुन्नन राजन (Porunan Rajan)
केरल (Kerala) के केन्नूर के रहने वाले पोरुन्नन राजन की एक दिन पत्नी से लड़ाई हो गई। लिहाजा वह घर छोड़कर चले गए। तभी क्रिसमस के दिन उन्हें लाॅटरी वाला मिला। उन्होंने बिना कुछ सोचे-समझे लॉटरी लगा दी। उनकी तो मानो लॉटरी लग गई हो। वह पूरे 12 करोड़ रुपए जीत चुके थे। राजन केरल में ही रबर (Rabar) की खेती करते थे, उनके ऊपर बैंक से लिया लोन बढ़ता ही जा रहा था। लाॅटरी के बाद राजन के तो मानो भाग्य ही बदल गए।
2- गौर दास (Gaur das)
गौर दास मूल रूप से पश्चिम बंगाल (West Bangal) के रहने वाले हैं। वह नागालैंड (Nagaland) में रिक्शा चलाकर अपने जीवन का गुजर बसर करते हैं। गौर दास ने एक दिन देखा की लाॅटरी लगाई जा रही है, उन्होंने भी 30 रूपये की लॉटरी लगा दी। सोचा निकल जाएगी तो भी सही, वरना भी सही। लेकिन गौर दास का भाग्य उस दिन उनके साथ था। उन्होंने लॉटरी के जरिए पूरे 50 लाख रूपये जीत लिए थे। एक झटके में गौर दास क्या से क्या बन चुके थे।
3- हरिकृष्ण नायर (Harikrishnan Nayar)
पेशे से हरिकृष्ण नायर कंपनी में मैनेजर हैं। वह फिलहाल आबू-धाबी में रहते हैं। एक दिन इन्हेंने विदेश में ही एयरपोर्ट पर लाॅटरी खरीद ली। इनकी लॉटरी पूरे 20 करोड़ की थी। हैरानी की बात ये रही कि वह इस लाॅटरी को जीत चुके थे। हरिकृष्ण नायर केरल (Kerala) के रहने वाले हैं। पारिवारिक तौर पर संपन्न हरिकृष्ण नायर इन लॉटरी के पैसों से लोगों की मदद करना चाहते हैं।
4- रेनू चौहान (Renu chauhan)
अमृतसर की रहने वाली गृहिणी रेनू चौहान ने हाल ही में 100 रूपये की लाॅटरी खरीदी थी। जिसमें वह एक करोड़ रुपए जीत सकती थी। हुआ भी ऐसा ही। उनकी क़िस्मत ने उनका साथ दिया और वह एक करोड़ रुपए जीत चुकी थी।
5- आजाद सिंह (Azad Singh)
पेशे से आजाद सिंह हलवाई है। वह पंजाब (Punjab) में रहते हैं और फतेहाबाद में अपनी एक छोटी-सी दुकान चलाते हैं। इन्होंने एक बार लोहड़ी के त्यौहार पर लॉटरी खरीदी थी। जो कि 1.5 करोड़ रुपए की थी। आजाद सिंह को तो लगा कि इस लाॅटरी से केवल 400 रुपए मिलेंगे। लेकिन जब लाॅटरी निकली तो हक्के-बक्के रह गए। लाॅटरी से उन्हें पूरे 1.5 करोड़ रुपए मिल चुके थे। जो कि वह अपने पूरे जीवन में भी नहीं कमा सकते थे।
6- ननकू यादव (Nanku yadav)
ननकू यादव मूल रूप से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रहने वाले हैं। वह बताते हैं कि पिछले कई सालों से वह दुबई में ही घर बनाने का काम करते हैं। ननकू यादव की करीब दो करोड़ की लाॅटरी लगी हुई है। वह इस पैसे से अपना ख़ुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। जिससे उन्हें दुबई जाकर घर बनाने का काम ना करना पड़े।
7- मोहम्मद फयाज (Mohammad Fayaz)
कर्नाटक (Karnataka) के रहने वाले मोहम्मद फयाज कि क़िस्मत भी रातों-रात पलट गई थी। वह बताते हैं कि पिछले कई सालों से वह आबू धाबी में ही रह रहे हैं। एक बार उन्होंने आबू धाबी एयरपोर्ट पर लाॅटरी खरीदी। जो कि 23 करोड़ की थी। मोहम्मद फयाज बताते हैं कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह इस तरह लाॅटरी जीत जाएंगे।
8- कृष्णा बारी (Krishna Bari)
कृष्णा बारी फिलहाल फ्लोरिडा (Florida) में रहती हैं। एक बार वह कहीं रास्ते में जा रही थी, तभी उन्हें लाॅटरी वाला दिख गया। उन्होंने जब ही लाॅटरी लगा दी। बाद में पता चला कि वह पूरे दो करोड़ रुपए जीत चुकी हैं। इन पैसों को किसी संस्था के माध्यम से समाज में ज़रूरतमंद लोगों को दान करना चाहती हैं।
9- रमीज रहमान (Ramiz Rehman)
रमीज रहमान केरल (kerla) के रहने वाले हैं। वह अक्सर लॉटरी खेलते रहते थे। लेकिन कभी जीत नहीं पाए थे। एक बार उन्होंने अपने बेटे के कहने पर दोबारा से लॉटरी लगा दी। बेटे की बात ने तो मानो उनका भाग्य ही बदल दिया था। वह इस बार लाॅटरी से 12 करोड़ रुपए जीत चुके थे।
10- कपिलराज कनकराज (Kapilraj kanakraj)
कपिलराज तमिलनाडु (Tamil Nadu) के रहने वाले हैं। वह फिलहाल दुबई (Dubai) में रहते हैं। एक बार उन्होंने अपने बेटे के कहने पर लॉटरी खरीदी थी। तब कपिलराज की 7 करोड़ की लॉटरी लग गई थी।
इन कहानियों को पढ़ने के बाद आपके मन में भी ज़रूर ये ख़्याल आया होगा कि हम भी अगली बार लाॅटरी ज़रूर खरीदेंगे। शायद हमारी भी क़िस्मत पलट जाए। पर हम आपको आगाह कर देना चाहते हैं लाॅटरी सबकी नहीं लगती। लाॅटरी वह चीज है जो सड़क से महल में भी ला सकती है और महल से सड़क पर भी पहुँचा सकती है।