Sawan 2023 : देशभर में दो तरह के हिन्दी पंचांग माने जाते हैं। एक ‘पूर्णिमांत पंचांग’ है, जिसमें महीने की शुरुआत पूर्णिमा के अगले दिन होती है। दूसरा ‘अमांत पंचांग’ है, जिसमें महीने की शुरुआत अमावस्या के अगले दिन से होती है।
सभी ज्योतिर्लिंगों में एक साथ नहीं शुरू होता सावन का महीना
मध्यप्रदेश के महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, उत्तराखंड के केदारनाथ, झारखंड के बैद्यनाथ, उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंगों में पूर्णिमांत पंचांग मान्य है। वहीं, गुजरात के सोमनाथ, महाराष्ट्र के घृष्णेश्वर, भीमाशंकर, त्र्यंबकेश्वर, दक्षिण भारत के रामेश्वरम् और मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंगों में अमांत पंचांग। इसलिए इन ज्योतिर्लिंगों में 15 दिन बाद सावन महीने की शुरुआत होगी।
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दो महीने का सावन
पूर्णिमांत पंचांग के अनुसार श्रावण मास 4 जुलाई से शुरू हो रही और 31 अगस्त की सुबह समाप्त जबकि अमांत पंचांग के अनुसार 18 जुलाई से शुरू होकर 14 सितंबर तक चलेगा। अतः इस बार लगभग दो महीने तक सावन है।
सावन महीना के सोमवार व्रत
इस बार ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस साल सावन में अधिकमास लगा है। इसलिए कुछ लोग सोमवार के व्रत को लेकर भ्रांति में हैं। दरअसल इस साल भी सोमवार के चार व्रत ही मान्य होंगे न कि आठ। इस बार यह व्रत दो चरणों में किए जाएंगे। पहला चरण कृष्ण पक्ष में 4 जुलाई से 17 जुलाई तक होगा। उसके बाद, दूसरा चरण शुक्ल पक्ष में 17 अगस्त से 31 अगस्त तक होगा। इन 15 दिनों के बीच में पड़ने वाले सोमवार के दिन सावन सोमवारी व्रत का आयोजन होगा।
सावन के सोमवार व्रत की तारीख़
- पहला सोमवार व्रत-10 जुलाई 2023
- दूसरा सोमवार व्रत-17 जुलाई 2023
- तीसरा सोमवार व्रत-21 अगस्त 2023 और
- चौथा सोमवार व्रत-28 अगस्त 2023
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