प्रेम का प्रतीक कहलाता है ये पक्षी, साथी की मौत होने पर दूसरा भी त्याग देता है प्राण

Sarus Crane: इस पृथ्वी पर एक से बढ़कर एक खूबसूरत जीव, जंतु और पक्षी मौजूद हैं, जिनकी तस्वीरें देखते ही आंखों को खास सुकून मिलता है। इंसानों की तरह ही जानवर और पक्षी भी जोड़े में रहना पसंद करते हैं, ताकि वह अपनी आबादी को निश्चित रूप से बढ़ते रहे।

लेकिन क्या आप उस पक्षी के बारे में जानते हैं, जो जीवन भर सिर्फ एक ही साथी के साथ रहता है और उसके मर जाने पर खुद के प्राण भी त्याग देता है। यह बात सुनने में अजीब जरूर लगती है, लेकिन सारस क्रेन नाम पक्षी अपने साथी के साथ बेहद वफादार होता है। इसलिए जब जोड़े में से किसी एक साथी की मृत्यु हो जाती है, तो उसका जोड़ीदार भी मरने की तैयारी करने लगता है।

दुनिया का सबसे वफादार पक्षी

सारस क्रेन (Sarus Crane) की गिनती दुनिया के सबसे लंबे पक्षियों में की जाती है, जिसे आमतौर पर Sati Bird के नाम से भी जाना जाता है। आपको सोशल मीडिया पर इस पक्षी की कई तस्वीरें देखने की मिल जाएगी, जिसमें सारस क्रेन हमेशा अपने साथी के साथ ही नजर आता है। इसे भी पढ़ें – ये हैं भारत में पाए जाने वाले 5 सबसे जहरीले सांप, जिनके काटने पर हो जाती है इंसान की मौत

हाल ही में एक ऐसी ही तस्वीर नार्वे के पूर्व राजनीतिक @ErikSolheim ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट में शेयर की थी, जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा कि यह दुनिया का सबसे लंबा उड़ने वाला पक्षी सारक क्रेन है, जिसे आमतौर पर जोड़े में ही देखा जाता है। इसका समर्पण अद्भुत होता है, क्योंकि एक ही मृत्यु होने पर दूसरा भी अपनी जान दे देता है।

आपको बता दें कि भारत में सारस क्रेन एक गैर-प्रवासी पक्षी के रूप में जाना जाता है, जिसकी गर्दन का ऊपरी हिस्सा लाल और चोंच बेहद लंबी होती है। सारस क्रेन की शारीरिक ऊंचाई लगभग 156 सेंटीमीटर तक होती है, जो खुली जमीन और दलदल वाले इलाकों में रहना पसंद करता है।

सारस क्रेन (Sarus Crane) अपने भोजन में विभिन्न पौधों की जड़े, कंद, कीड़े और मकौड़े खाना पसंद करता है, जबकि इस प्रजाति की मादा पक्षी संभोग के बाद अगस्त से सितंबर महीने के बीच बच्चों को जन्म देती है। भारत समेत कई देशों में सारस क्रेन को अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है, जिसमें एक जोड़ा जिंदगी भा साथ रहने की मजह कसमें नहीं खाता है बल्कि मरने तक एक दूसरे का साथ निभाते भी हैं। इसे भी पढ़ें – बेहद चमत्कारी है 800 साल पुराना ये शिव मंदिर, सीढ़ियाँ चढ़ते समय बजने लगता है मधुर संगीत