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Peppermint Farming: पिपरमेंट खेती करके लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं किसान, मात्र 100 दिन में तैयार हो जाती है फसल

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Peppermint Farming in Hindi: भारतीय किसान बदलते समय के साथ पारंपरिक फसलों के साथ-साथ आधुनिक खेती करने का तरीका भी सीख रहे हैं, ताकि उन्हें फसलों से मुनाफा कमाने का मौका मिल सके। इस क्रम में किसान विभिन्न फसलों, सब्जियों और फलों की खेती के अलावा नए किस्म के पौधों की खेती भी कर रहे हैं।

आधुनिक तकनीक के जरिए उगाए जाने वाले यह पौधे कम समय में न सिर्फ अच्छी पैदावार देते हैं, बल्कि उसे बेचकर किसान कुछ ही महीनों में मोटा मुनाफा भी कमा लेते हैं। इन्हीं बेहतरीन पौधों में से एक पिपरमेंट (Peppermint) , जिसकी खेती करके किसान अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।

Peppermint Farming

पिपरमेंट की खेती (Peppermint Farming)

पिपरमेंट को देसी भाषा में मेंथा (Mentha) भी कहा जाता है, जो कैश क्रॉप फसल की श्रेणी में आती है। इस श्रेणी में आने वाली फसलों को बाज़ार में बढ़ रही मांग को ध्यान में रखकर उगाया जाता है, जो बहुत ही कम समय में तैयार हो जाती है। पिपरमेंट का पौधा दिखने में काफी हद तक पुदाना या मिंट की तरह ही लगता है।

पिपरमेंट की खेती (Peppermint Farming) के लिए जनवरी से फरवरी महीने के बीच का समय सबसे बेहतरीन माना जाता है, उस समय पिपरमेंट के पौधों को लगाने के लिए अनुकूल जलवायु रहती है। इस पौधे की खेती के लिए बुलई दोमट या मटियारी दोमट नामक मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे जुताई करके अच्छी तरह से समतल करना होता है। ये भी पढ़ें – नौकरी की टेंशन छोड़ें, अब घर बैठे-बैठे बने करोड़पति, सिर्फ एक बार लगा लें यह पौधा, जानिए कैसे

मेंथा की खेती की तकनीक

इसके बाद मिट्टी में 20 से 25 टन गोबर से बनी खाद डालनी होती है, ताकि मिट्टी अच्छी तरह से नम और उपजाऊ हो जाए। इसके बाद तैयार मिट्टी में पिपरमेंट के पौधों की रोपाई की जाती है और उसके तुरंत बाद खेत को हल्के पानी से सिंचना बेहद जरूरी होता है।

पिपरमेंट के खेत में जल जमाव नहीं होना चाहिए, इसलिए अगर आप इस पौधे की खेती करना चाहते हैं तो खेत से जल निकासी की पहले से ही अच्छी व्यवस्था कर लें। पिपरमेंट के खेती पहाड़ी या ठंडी जगहों पर नहीं की जा सकती है, क्योंकि उन इलाकों में पाला और बर्फ गिरने की समस्या रहती है।

ऐसे में उन जगहों पर पिपरमेंट का पौधा अच्छी तरह से पनपन नहीं पाता है, जिसकी वजह से किसान को खास फायदा नहीं होगा। हालांकि पहाड़ी क्षेत्रों में मार्च से अप्रैल के बीच पिपरमेंट की खेती की जा सकती है, इस दौरान वहाँ की जलवायु ठीक ठाक होती है।

पिपरमेंट के पौधे (Peppermint Plant) को एक कतार में लगाया जाता है, जिसमें एक पौधे को दूसरे पौधे से लगभग 45 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया जाता है। वहीं प्रत्येक कतार की औसत दूरी 60 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए, ताकि पिपरमेंट के पौधों को विकसित होने के पर्याप्त जगह मिल सके।

पिपरमेंट की फसल मात्र 40 से 50 दिन के अंदर तैयार हो जाती है, जिसके बाद उसके पौधों की पहली कटाई 100 दिनों के अंदर कर दी जाती है। वहीं पिपरमेंट पौधों की दूसरी कटाई पहली कटाई के बाद 60 से 70 दिनों के बीच में हो जानी चाहिए, क्योंकि इसके बाद पिपरमेंट के पौधे सूखने लगते हैं और उसने अच्छी मात्रा में तेल नहीं निकल पाता है।

वीडियो देखें –

बाजार में पिपरमेंट तेल की मांग (Peppermint Oil Demand)

पिपरमेंट की खेती (Peppermint Farming) करना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बाज़ार में इस पौधे से निकलने वाले तेल की मांग बहुत ज्यादा है, जिसकी वजह से यह पौधा और भी कीमती हो जाता है। अगर आप 1 बीघा जमीन में पिपरमेंट की खेती करते हैं, तो उसके पौधों से लगभग 20 से 25 लीटर या उससे ज्यादा तेल निकल सकता है।

भारतीय बाज़ार में एक लीटर पिपरमेंट तेल की कीमत लगभग 2 हजार से 3 हजार रुपए के बीच है, ऐसे में किसान 20 से 25 लीटर तेल बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। पिपरमेंट की खेती से लेकर उसकी पेराई में प्रत्येक पौधे पर लगभग 500 रुपए लागत आती है, जबकि मार्केट में पिपरमेंट तेल की कीमत लागत से दोगुना ज्यादा है।

पिपरमेंट ऑयल का इस्तेमाल (Peppermint Oil Uses)

पिपरमेंट तेल का इस्तेमाल (Peppermint Oil Uses) एक दर्द निवारक के रूप में किया जाता है, जो कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इस तेल में मेन्थोन, मेंथाल और मिथाइल जैसे एसीटेट पाए जाते हैं, जो सिर दर्द, कमर दर्द समेत घुटनों के दर्द और सांस सम्बंधी समस्याओं को दूर करने मददगार साबित होते हैं।

इसके अलावा पिपरमेंट ऑयल का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स तैयार करने के लिए भी किया जाता है, जिससे कई प्रकार की क्रीम और साबुन इत्यादि तैयार किए जाते हैं। पिपरमेंट ऑयल की खुशबू बहुत अच्छी होती है, इसलिए इसका इस्तेमाल पेय पदार्थ, पर्फ्यूम और पान मसाला बनाने के लिए भी किया जाता है।

अगर कोई व्यक्ति दांत के दर्द से परेशान है, तो दांत की जड़ पर पिपरमेंट ऑयल लगाने से दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा इस तेल की खुशबू स्ट्रेस व तनाव कम करने में मददगार साबित होती है, जिसकी पिपरमेंट तेल को नियमित रूप से त्वचा पर लगाने से चेहरे की चमक और ग्लो बढ़ता है।

इन सभी कारणों की वजह से भारतीय बाज़ार में पिपरिमिंट ऑयल (Peppermint Oil) की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसकी वजह से किसान इस पौधे की खेती (Peppermint Farming) करने में रूचि ले रहे हैं। पिपरमेंट की फसल को दो बार काटकर उससे तेल निकाला जा सकता है, जिससे किसानों को अच्छा खासा मुनाफा हो जाता है।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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