Chandrayaan 3, 24 अगस्त 2023: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने एक कार्यक्रम में बधाई देते हुए एक गलती कर दी। उन्होंने कहा, “जब राकेश रोशन चंद्रमा पर गए थे, तब इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा था कि वहां से भारत कैसा दिखता है।”
PM Candidate 2 from I.N.D.I Alliance
— Gaurav Pradhan 🇮🇳 (@OfficeOfDGP) August 23, 2023
“When last time Rakesh Roshan landed on the moon,Indira asked him how India was looking from there?”-Mamata Banerjee
When did he land on the moon?
and u want her to be PM? pic.twitter.com/yj8GsmNhJS
ममता बनर्जी की इस गलती पर सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। कई लोगों ने उनकी टिप्पणी को अपमानजनक बताया। बॉलीवुड अभिनेता-फिल्म निर्माता राकेश रोशन (Rakesh Roshan) ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट किया, “मैंने कभी चंद्रमा पर जाने की कोशिश नहीं की। मैं एक फिल्म निर्माता हूं।”
ममता बनर्जी ने बाद में अपनी गलती को सुधारते हुए ट्वीट किया, “मैंने अपने भाषण में गलती से राकेश रोशन का नाम लिया। वास्तव में, राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री थे, जिन्होंने 1984 में सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान सोयुज टी-11 में सवार होकर चंद्रमा की परिक्रमा की थी। मैं राकेश शर्मा को उनके साहस और उपलब्धियों के लिए सलाम करती हूं।”
Upar se Bharat kaise dikhta hai? Saare Jahan se acha.. Indira Gandhi and Sq Leader Rakesh Sharma in conversation April 2, 1984: for my generation, there was the Rakesh Sharma space moment! Today, we go several notches higher with Chandrayaan 3. Science, like sport, is a baton… pic.twitter.com/Ggk1NAmlHZ
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) August 23, 2023
राकेश शर्मा के बारे में
राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी, 1949 को भारत के उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल जिले के टिहरी गढ़वाल में हुआ था। उन्होंने भारतीय वायु सेना से जुड़े एक अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया। 1984 में, उन्हें सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान सोयुज टी-11 में सवार होकर चंद्रमा की परिक्रमा के लिए चुना गया। वह भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री थे।
राकेश शर्मा ने चंद्रमा की परिक्रमा के दौरान 25 घंटे, 40 मिनट बिताए। उन्होंने चंद्रमा की सतह से 35,000 से अधिक तस्वीरें लीं। उनके मिशन ने भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दिलाई।
राकेश शर्मा ने 1987 में भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त हो गए। वह एक लोकप्रिय प्रेरक वक्ता और लेखक हैं। उन्होंने कई पुस्तकों और निबंधों को लिखा है।