HomeGARDENINGबेहद आसान तरीकों से गमले में भी उगाया जा सकता है नींबू...

बेहद आसान तरीकों से गमले में भी उगाया जा सकता है नींबू का पौधा, जानिए पूरी प्रक्रिया

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

जिस-जिस तरह से गर्मी का मौसम बढ़ता जा रहा है। उसी तरह से बाज़ार में नींबू की मांग भी बढ़ती जा रही है। मांग बढ़ने के साथ ही नींबू की कीमतें भी बढ़ना स्वाभाविक है। लेकिन किया भी क्या जा सकता है। जिन लोगों का बगीचा है वह तो नींबू का पेड़ भी उगा सकते हैं और खा सकते हैं, पर शहर में रहने वाले तो मात्र बाज़ार के ही सहारे होते हैं।

आप जानते भी होंगे कि बाज़ार में मिलने वाली हर सब्जी आज केमिकल से युक्त होती है। जिसमें नींबू भी शामिल होता है। इससे आपकी सेहत पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। आज हम आपको इस सेहत से हो रहे खिलवाड़ से भी बचाने जा रहे हैं। साथ ही नींबू की बढ़ती कीमतों से भी आप को राहत दिलाने का काम करेंगे। क्योंकि आज हम आपको वह तरीक़ा बता रहे हैं जिससे आप नींबू का पौधा अपने घर के घमले में ही लगा सकते हैं और नींबू भी खा सकते हैं।

किन चीजों की पड़ेगी ज़रूरत

नींबू का पौधा लगाने के लिए आपके पास एक बड़े आकार का गमला होना चाहिए। साथ ही नींबू का बीज या उसका पौधा होना चाहिए। गमले में डालने के लिए साफ़ मिट्टी और थोड़ी-सी प्राकृतिक खाद की ज़रूरत पड़ेगी। इन सब के साथ आपके घर पानी भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पौधे को सूखने से बचाया जा सके। पानी खारा ना हो। साथ ही खुरपी भी ज़रूरी है।

बीज कैसा हो

नींबू का बीज भी आता है और पौधा भी। यदि आप बीज खरीदने जा रहे हैं तो पहले बाज़ार में नींबू के तमाम बीजों के बारे में अच्छे से पता कर लें। क्योंकि कुछ नींबू के पौधे हमेशा नींबू देते हैं, कुछ गर्मियों में ही देते हैं। इसलिए अपनी पसंद के बीज ही खरीदें। ये आपको पास के बीज भंडार में आसानी से मिल जाएंगे। यदि आप पौधा लेने जा रहे हैं तो ये आपको आसपास नर्सरी में मिल जाएगा। पौधे की क़ीमत उसके साइज से तय होती है। लेकिन साइज ज़्यादा बड़ा ना लें। नहीं तो गमले में लगाने में दिक्कत आएगी।

गमला ऐसे करें तैयार

बाजार से पहले गमला खरीद लाएँ। गमला प्लास्टिक की जगह मिट्टी या सीमेंट का ही हो। साथ ही बड़े आकार का हो ताकि नींबू की जड़े फैलने में आसानी रहे। गमले को लाने के बाद उसे कुछ समय पानी मारकर छोड़ दें। साथ ही गमले के नीचे छोटा-सा छेद भी कर दें। ताकि पानी खड़ा ना रहे।

मिट्टी हो ऐसी

मिट्टी को खरीदने ना जाएँ। ये आपको आसपास खाली प्लाट या ग्राउंड आदि से खोदकर ले आएँ। ध्यान रहे मिट्टी ज़्यादा पुरानी ना हो। साथ ही मिट्टी में कंकड़-पत्थर भी ना हों। नहीं तो पौधे के विकास में बाधा बनेगी। इस सब के बाद मिट्टी को खोदकर घर में ले आएँ और पानी मारकर धूप में सूखने दें। ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। इससे पौधे की जड़े आसानी से फैल जाएंगी।

केमिकल खाद के प्रयोग से बचें

खाद कई प्रकार का होता है। यदि आप मॉडर्न शहर में रहते हो। तो आपको पास के बाज़ार से खाद खरीदना पड़ेगा। नहीं तो आसपास दूध की डेयरी में गाय-भैंस का गोबर ले आएँ। जो कि सड़ चुका हो। ये खाद सबसे उपयोगी होता है। यदि ये संभव ना हो तो बाज़ार में पैकिंग में बंद खाद आप खरीद सकते हैं।

पौधा कैसे लगाएँ

यदि आप नर्सरी से नींबू का पौधा लेकर आए हैं, तो उसे शाम के समय ही लगाएँ। सबसे पहले उसे उसकी थैली से निकाल लें। इस दौरान ध्यान रखें कि उसकी मिट्टी टूटने ना पाए। इसके बाद वह मिट्टी समेत गमले में दबा दें और पानी दे दें। यदि आप बीज लेकर आए हैं तो बीज को पहले एक रात पानी में भिगो दें। इसके बाद गमले में दो-तीन इंच मिट्टी में दबा दें। साथ ही थोड़ा पानी भी दे दें।

पानी कितना दें

पानी की ज़रूरत तो हर पौधे को पड़ती है। इसलिए आप नींबू के पौधे में पानी देते रहे। गर्मी के मौसम में तो आप इसमें रोजाना पानी दे सकते हैं। पर यदि मौसम ठंडा हो तो पानी एक-दो दिन छोड़कर दे सकते हैं। कभी भी पानी दें तो पहले मिट्टी देख लें। यदि मिट्टी सूख चुकी हो तब समझे पौधे को पानी देना हैं। क्योंकि ज़्यादा पानी देने से पौधे की जड़े गल भी जाती हैं। इसके बाद समय-समय पर गमले में से खरपतवार और खुदाई भी करते रहें। इसे मिट्टी कठोर नहीं होगी। साथ ही पौधे का विकास भी अच्छा होता रहेगा

दवा का करें छिड़काव

बाजार में आज पौधों पर छिड़कने के लिए तरह-तरह की दवाई उपलब्ध है। यदि आपको पौधे पर मच्छर या कोई और बीमारी लगती दिखाई दे तो उस दवाई का पौधे का पत्तों पर छिड़काव कर दें। इससे बीमारी के साथ पौधे के ऊपर मच्छर भी नहीं बैठेंगे। ध्यान रखें कि जब भी दवाई का छिड़काव करें तो बच्चों को पौधे से दूर रखें।

खरपतवार भी निकालते रहें

लगातार गमले में से खरपतवार भी निकालते रहें। ताकि गमले में दूसरे जंगली पौधे का उगे। साथ ही इससे पौधे का विकास भी तेजी से होगा। खरपतवार पौधे के जरूरी तत्वों को स्वयं ग्रहण कर लेते हैं, इससे पौधे का विकास रूक जाता है।

यह भी पढ़ें
News Desk
News Desk
तमाम नकारात्मकताओं से दूर, हम भारत की सकारात्मक तस्वीर दिखाते हैं।

Most Popular