Homeलाइफ़हरियाणा की स्ट्रीट डॉग रॉकी को मिली नई जिंदगी, ट्रेन दुर्घटना में...

हरियाणा की स्ट्रीट डॉग रॉकी को मिली नई जिंदगी, ट्रेन दुर्घटना में आगे के दोनों पैर गवाएँ, अब जा रही है लंदन

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

कहते हैं कि बाहरी जानवरों का कोई नहीं होता। लेकिन यह कहना ग़लत होगा क्योंकि पिछले साल ही ट्रेन की चपेट में आने के कारण एक बाहरी कुत्तिया, जिसका नाम अब रॉकी है बुरी तरह से घायल हो गई। दुर्घटना के कारण उसके आगे के दोनों पैर काटने पड़े। लेकिन उसकी क़िस्मत अच्छी थी कि सिर्फ़ उसके आगे के दोनों पैर ही चोटिल हुए लेकिन वह ज़िंदा बच गई। ख़ुशी की बात यह है कि इस कुतिए को लंदन में रहने वाली एक महिला लीला ने गोद लिया है और 18 नवंबर को यह हवाई जहाज़ के द्वारा लंदन जाएगी।

उसके आगे के दोनों पैर काटने पड़े

आपको बता दें तो यह कुत्तिया भी बाक़ी कुत्तों के साथ गलियों में घूमा करती थी और जगह-जगह कूड़े से या फिर लोगों के दिए हुए सामानों को खाया करती थी। “पीपल फॉर एनीमल ट्रस्ट फरीदाबाद” के अध्यक्ष रवि दुबे बताते हैं कि पिछले साल 18 अक्टूबर को रॉकी बल्लभगढ़ स्टेशन के नज़दीक ट्रेन की चपेट में आ गई थी। जिसके कारण उसके आगे के दोनों पैर डैमेज हो गए और पिछले दोनों पैरों में भी काफ़ी चोटें आई।

उसके बाद तुरंत आरपीएफ कांस्टेबल चंद्रपाल तंवर उसे लेकर सोहना पुल सरूरपुर रोड स्थित “पीपल फॉर एनिमल ट्रस्ट” के कार्यालय पहुँचे। ट्रेन के पहिए के नीचे रॉकी के आगे के दोनों पैर आ जाने के कारण काफ़ी खून बह गए थे। उसका बचना काफ़ी मुश्किल लग रहा था। लेकिन डॉक्टर ने उसका इलाज़ किया और उसके आगे के दोनों पैर को काटकर हटा दिया, जिससे उसकी जान बच सकी।

उसका नाम रॉकी रखा

street-dog-rocky

रवि दुबे ने यह भी बताया कि स्ट्रीट डॉग होने के कारण उसका कोई नाम नहीं था। तब उन लोगों ने उसका नाम रॉकी रखा। जब वह ठीक हो गई तब वह उसे बल्लभगढ़ स्टेशन पर छोड़ने गए। लेकिन वहाँ के आरपीएफ अधिकारियों ने उन्हें रॉकी को फिर से वापस ले जाने के लिए आग्रह किया। उसके बाद रवि रॉकी को अपने साथ वापस ले आए।

रॉकी की डॉक्यूमेंट्री बनाकर शेयर की

रवि दुबे ने बातचीत के दौरान ही बताया कि उन्होंने जनवरी में रॉकी पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई। उसके बाद उस डॉक्यूमेंट्री को “वाइल्ड ऐट हार्ट फाउंडेशन यूनाइटेड किंगडम” के साथ शेयर की थी। लंदन की रहने वाली लीला ने जब रवि की बनाई हुई डॉक्यूमेंट्री देखी तो वह रॉकी को गोद लेने की इच्छा प्रकट की। इससे पहले ही रवि ने रॉकी को एक सामान्य ज़िन्दगी देने के लिए उसके आगे के दोनों पैरों में नकली पैर लगवाने का फ़ैसला किया।

उन्होंने राजस्थान के डॉक्टर तपेश माथुर से इसके लिए संपर्क भी किया और रॉकी के पैर की माप देने और उसे लगवाने के लिए वह रॉकी को जयपुर भी ले गए। लेकिन रॉकी को अपने नकली पैरों के साथ चलने में बहुत परेशानी होती थी इसलिए रवि ने उसके दोनों नकली पैरों को निकलवा दिया। अब रॉकी अपने सिर्फ़ दो पैरों से ही चलती है और काफ़ी स्वास्थ्य भी है।

street-dog-rocky

रेबीज टेस्ट के बाद ही जानवरों को विदेश भेज सकते हैं

रवि ने कहा कि किसी भी जानवर को ऐसे ही विदेश नहीं भेजा जा सकता। किसी भी जानवर को विदेश भेजने से पहले प्रक्रिया के तहत रेबीज की जांच कराई जाती है। विदेशों में इस जांच की क़ीमत लगभग 29 हज़ार रुपए है। जब रिपोर्ट नॉर्मल आती है तभी हम इन्हें विदेश भेज सकते हैं। रॉकी की भी रेबीज की जांच कराई गई और उसकी रिपोर्ट ठीक आई।

रॉकी लंदन जाने के लिए बिल्कुल तैयार है। अब वह हवाई जहाज़ से सफ़र करके 18 नवंबर को लंदन के लिए प्रस्थान करेगी।

यह भी पढ़ें
News Desk
News Desk
तमाम नकारात्मकताओं से दूर, हम भारत की सकारात्मक तस्वीर दिखाते हैं।

Most Popular