Green Pigeon In India – इस दुनिया में विभिन्न प्रजाति के पक्षी पाई जाते हैं, कुछ दिखने में बेहद खूबसूरत होते हैं तो वही किसी पक्षी की आवाज बेहद सुरीली होती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपनी पूरी जिंदगी में कभी भी पैर जमीन पर नहीं रखता है।
इस पक्षी का मिजाज दूसरे पक्षियों से बिल्कुल अलग होता है, जबकि रंगीन पंख और गोल मटोल आंखें इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। हम यहाँ हरियाल पक्षी (Yellow-Footed Green Pigeon) की बात कर रहे हैं, जो अपने पैर कभी भी जमीन पर नहीं रखता है लेकिन क्यों? आइये जानते है इसके पीछे की दिलचस्प वजह….
जमीन पर पैर न रखने वाला पक्षी Green Pigeon
हरियाल पक्षी (Green Pigeon) मुख्य रूप से भारत में पाया जाता है, जिसे पीले पैर वाला कबूतर (Yellow-Footed Green Pigeon) भी कहा जाता है। हरियाल को महाराष्ट्र का राजकीय पक्षी भी माना जाता है, जिसे मराठी भाषा में हरोली या हरियाल (Haroli or Hariyal) कहा जाता है। इस पक्षी का शारीरिक रंग हल्का हरा, स्लेटी या पीला होता है, जबकि इसके पैर गहरे पीले रंग के होते हैं।
इसके हरे रंग की वजह से ही हरियाल पक्षी नाम दिया गया है, जो पीपल या बरगद के पेड़ों पर ऊंचाई में घोंसला बनाकर रहना पसंद करता है। इस पक्षी की आंखें गहरे नीले रंग की होती है, जबकि यह अपने आहार में बेर, चिरौंजी, जामुन और पके हुए फल खाना पसंद करता है।
आमतौर पर हरियाल पक्षी को देख पाना बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि यह पक्षी स्वभाव से थोड़ा शर्मीला होता है। इसे इंसानों के करीब जाना पसंद नहीं है, शायद यही वजह है कि हरियाल पक्षी इंसानों की आहट सुनते ही चुप हो जाता है।
पूरी जिंदगी पेड़ पर रहता है हरियाल पक्षी
हरियाल पक्षी (Green Pigeon) अपने जीवन काल में कभी भी जमीन पर पैर नहीं रखता है, जिसकी वजह इसका आलसी होना है। दरअसल हरियाल पक्षी ऐसे पेड़ पर घोंसला बनाता है, जहाँ इसकी खाने पीने की सारी जरूरतें पूरी हो जाती हैं। ऐसे में हरियाल पक्षी को कभी जमीन पर पैर रखने की जरूरत नहीं पड़ती है, यह पक्षी एक पेड़ से दूसरे पेड़ की टहनी पर बैठ जाता है और ऊंचाई से आसपास का नजारा देखता है।
पूरी जिंदगी पेड़ पर बिताने की वजह से हरियाल पक्षी को बहुत ही आलसी समझा जाता है, जो काफी हद तक सच भी है। आमतौर पर दूसरे पक्षी स्नान करने और मिट्टी से कीड़े मकौड़े खाने के लिए जमीन पर चहल कदमी करते हैं, लेकिन हरियाल पक्षी शुद्ध शाकाहारी होता है। इसलिए इसे जमीन या खेतों पर चलने की जरूरत नहीं होती है और यह ऊंचे पेड़ों पर अपना बसेरा बनाए रखता है।
हरियाल पक्षी की प्रजाति में नर और मादा एक जैसे दिखाई देते हैं, जिनका जीवन काल 26 वर्ष तक होता है। इस पक्षी की औसत शारीरिक लंबाई 3 सेंटीमीटर तक होती है, जिसका पांस बहुत ही मुलायम होता है। यही वजह है कि जंगलों में हरियाल पक्षी का शिकार बड़े पैमाने पर किया जाता है, जिसकी वजह से यह पक्षी इंसानों से दूर रहता है।
सीटी जैसी आवाज निकालता है हरियाल पक्षी
हरियाल पक्षी (Green Pigeon) हमेशा 5 से 10 पक्षियों के झुंड में पाया जाता है, जिसकी आवाज बहुत ही मधुर होती है। यह पक्षी सीटी जैसे आवाज निकालता है, जो जंगल में बिल्कुल अलग और सुरीली सुनाई देती है। वहीं जब हरियाल पक्षी का पूरा झुंड एक साथ आवाज निकालता है, तो आसपास का वातावरण बेहद रोमांचक हो जाता है।
हरियाल पक्षी (Green Pigeon) भारत के अलावा श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, चीन और बर्मा जैसे देशों में पाया जाता है, जिसके रंगीन गर्दन और पीले पैर बहुत ही आकर्षक लगते हैं। हालांकि यह पक्षी सिर्फ हरे भरे जंगलों में ही निवास करता है, इसलिए इस पक्षी को राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में देख पाना असंभव है।