Ratan Tata Birthday: भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा आज यानी 28 दिसम्बर को अपना 85वां जन्मदिन मना रहे हैं, जिसके लिए देश भर के लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं। रतन टाटा की गितनी भारत के सबसे लोकप्रिय और सम्मानित बिजनेस मैन के रूप में की जाती है, जो हमेशा जमीन से जुड़े रहते हैं।
रतन टाटा जितने लोकप्रिय हैं, उनकी निजी जिंदगी से जुड़ी बातें भी उतनी ही रोमांचक रही हैं। रतन टाटा का विनम्र व्यवहार और सादगी आम लोगों को काफी पसंद आती है, जिसकी वजह से लोग रतन टाटा को अपना आर्दश मानते हैं और उनकी जिंदगी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं।
अकेलेपन में बिता था बचपन
रतन टाटा का जन्म गुजरात के अमीर और उद्योगपति घराने में हुआ था, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें अपना ज्यादातर बचपन अकेले ही गुजारना पड़ा था। दरअसल रतन टाटा के माता-पिता के बीच अक्सर अनबन रहती थी, जिसकी वजह वह दोनों अलग हो गए थे और रतन टाटा को माता-पिता के साथ एक परिवार की तरह रहने का सुख प्राप्त नहीं हो पाया था।
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दादी के साथ रहते थे रतन टाटा
माता-पिता के तलाक के बाद रतन टाटा ने किसी एक चुनाव करने के बजाय अपनी दादी के साथ रहने का फैसला किया था, जिसकी वजह से रतन टाटा 10 साल की उम्र में अपनी दादी नवाजबाई के साथ टाटा पैलेस में रहने लगे थे।
25 साल की उम्र में शुरू किया था करियर
आज के दौर में बहुत से युवा रतन टाटा को अपना आर्दश मानते हैं और उनके बिजनेस टिप्स को फ्लो करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रतन टाटा ने अपने बिजनेस करियर की शुरुआत 25 साल की उम्र में की थी। रतन टाटा ने ऑर्किटेक्चर की पढ़ाई की थी, जिसके बाद उन्होंने साल 1962 में भारत लौटकर करियर पर फोक्स करना शुरू किया था।
टाटा स्टील डिवीजन में पहली नौकरी
ऐसा नहीं है कि रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत बतौर बिजनेस मैन की थी, बल्कि उन्होंने इस पद पर पहुँचने से पहले नौकरी भी की थी। रतन टाटा ने पहली नौकरी जमशेदपुर में स्थित टाटा स्टील डिवीजन में की थी, जिसके बाद साल 1991 में उन्होंने टाटा ग्रुप के चेयरमैन के रूप में पद संभाला था।
भारत में पहली स्वदेशी कार की थी लॉन्च
रतन टाटा ही वह शख्स हैं, जिन्होंने भारत की पहली स्वदेशी कार यानी टाटा इंडिका को लॉन्च किया था। इस कार को साल 1998 में बनाकर तैयार किया था, जो एक स्वदेशी कार थी और उस वक्त इंडिका में पेट्रोल और डीजल दोनों इंजन उपलब्ध हुआ करते थे।
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