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ईको फ्रेंडली घर बनाकर कम किए खर्चे, नहीं भरना पड़ता है बिजली और पानी का बिल, उल्टा मिलता है हजारों रूपये

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Eco Friendly Home : देश के बड़े शहरों में रहना भले ही सुविधाजनक होता है, लेकिन इसके लिए लोगों को महंगी कीमत भी चुकानी पड़ती है। शहरों में खाने पीने से लेकर बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए भारी भरकम बिल चुकाना पड़ता है, जो गर्मी के मौसम में कई गुना तक बढ़ जाता है।

ऐसे में आज हम आपको उस व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने ईको-फ्रेंडली घर (Eco Friendly Home With Zero Electricity Bill) की नींव रखी है। इस घर में फ्री बिजली और पानी की सुविधा के साथ-साथ कई चीजें मौजूद हैं, जो एक आर्दश घर की पहचान होते हैं।

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ईको फ्रेंडली घर (Eco Friendly Home)

गुजरात के अमरेली में रहने वाले कनुभाई करकरे (kanubhai karkare) अपने ईको फ्रेंडली घर के लिए पूरे इलाके में मशहूर हैं, जो राज्य के शिक्षा विभाग में काम करते हैं। कनुभाई करकरे का घर बाहर से दिखने में बहुत ही सामान्य लगता है, लेकिन अंदर से यह घर किसी जन्नत से कम नहीं है।

कनुभाई करकरे ने साल 2000 में अपने सामान्य से घर को ईको फ्रेंडली घर (Eco Friendly House) में तब्दील किया था, जिसके लिए उन्होंने तकीबन 2.8 लाख रुपए खर्च किए थे। इस ईको फ्रेंडली घर को ऐसे डिजाइन किया गया है कि उसकी छत पर सूर्य की रोशनी ज्यादा से ज्यादा पड़ती है।

कनुभाई करकरे ने अपने घर को Horizontal Cross-Ventilation Technique के तहत बनवाया है, जिसमें सामान्य घरों के मुकाबले ज्यादा बड़े आकार के खिड़की दरवाजे हैं। इन खिड़की दरवाजों से घर के अंदर ज्यादा हवा आती है, जबकि वेंटीलेशन तकनीक की वजह से गर्म हवा अंदर प्रवेश करते ही ठंडी हो जाती है।

इस ईको फ्रेंडली घर में शाम के 6 बजे से पहले लाइट जलाने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि बड़े खिड़की दरवाजे होने की वजह से रोशनी कमरों में ज्यादा देर तक मौजूद रहती है। वहीं गर्मियों के मौसम में भी प्राकृतिक हवा की वजह से घर के अंदर पंखा, कूलर या एसी चलाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है, जिसकी वजह से बिजली का बिल जीरो आता है।

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बरसात का पानी करते हैं जमा

कुरभाई करकरे ने अपने इस ईको फ्रेंडली घर में बिजली के साथ-साथ पानी की समस्या का समाधान भी किया हुआ है, ताकि उन्हें किसी भी मौसम में पानी की किल्लत का सामना न करना पड़े। इसके लिए उन्होंने अपने घर के नीचे 20 हजार लीटर की क्षमता वाला एक अंडरग्राउंड टैंक बनवाया है, जिसमें बारिश का पानी जमा होता है।

यह पानी छत पर लगाई गई पाइप लाइन के जरिए सीधा अंडरग्राउंड टैंक में जमा हो जाता है, जिसे फिल्टर करके पीने के पानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा कनुभाई ने 8 हजार लीटर की क्षमता वाला एक दूसरा वॉटर टैंक भी बनवाया है, जिसमें जमा होने वाले पानी को बॉथरूम, कीचन और बगीचे में इस्तेमाल किया जाता है।

इतना ही नहीं जब यह दोनों वॉटर टैंक बारिश के पानी से भर जाते हैं, तो अतिरिक्त पानी जमीन के अंदर चला जाता है। इस तकनीक के जरिए भू-जल के स्तर में सुधार होगा, जबकि मिट्टी भी उपजाऊ बनी रहेगी। यही वजह है कि कनुभाई और उनके परिवार को भीषण गर्मी में भी पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ता है।

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अतिरिक्त बिजली से 10 हजार रुपए की कमाई

कनुभाई ने अपने घर की छत पर 3 किलोवॉट की क्षमता वाला सोलर सिस्टम पैनल लगवाया है, जो सूरज की रोशनी से बिजली तैयार करता है। कनुभाई इस सोलर सिस्टम से तैयार होने वाली बिजली का इस्तेमाल घर के उपकरण को चलाने के लिए करते हैं, जबकि अतिरिक्त बिजली ग्रिड में चली जाती है।

कनुभाई सोलर पैनल से तैयार अतिरिक्त बिजली को सरकार को बेच देते हैं, जिसकी वजह से उन्हें सालाना 10 हजार रुपए की कमाई होती है। ईको फ्रेंडली घर होने की वजह से बिजली की खपत बहुत कम होती है, इसलिए वह अतिरिक्त बिजली राज्य सरकार को बेच देते हैं।

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रसायनिक तत्वों के बिना करते हैं खेती

कनुभाई करकरे ने अपने घर को पूरी तरह से प्रकृति के बीच ढाल लिया है, जिसकी वजह से उनका घर सबसे अलग और अद्भुत है। कनुभाई अपनी पत्नी के साथ मिलकर घर के गार्डन में ऑर्गेनिक खेती करके साग सब्जी और फल उगाते हैं, जिसकी वजह से उनका स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।

आपको बता दें कि कनुभाई के घर को राज्य सरकार की तरफ से आदर्श घर का खिताब दिया जा चुका है, जहाँ इंसान की जरूरत की हर चीज प्राकृतिक तरीके से उपलब्ध है। हम सभी को कनुभाई करकरे से सीखना चाहिए कि अपनी जरूरतों को किस तरह प्राकृतिक रूप से पूरा किया जा सकता है।

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