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दोनों हाथ नहीं है इसलिए पैरों से कार चलाती है ये महिला, कभी RTO ने लाइसेंस देने से किया था इंकार

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Jilumol Marriott Thomas : आज तक आपने देखा और सुना होगा कि कार या कोई अन्य वाहन चलाने के लिए हाथों की जरूरत होती है, इसलिए आरटीओ द्वारा उन्हीं लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाता है जो पूरी तरह से स्वस्थ होते हैं और सड़क पर वाहन चला सकते हैं।

लेकिन क्या आपने बिना हाथों वाली महिला को कार ड्राइव करते हुए देखा है, अगर नहीं तो केरल में रहने वाली जिलुमल मैरियट थॉमस (Jilumol Marriott Thomas) इस बात का जीता जागता उदाहरण है। जिलुमल देश की पहली ऐसी महिला ड्राइवर हैं, जिनके पास हाथ नहीं हैं लेकिन वह फिर भी कार ड्राइव करके अपने रोजमर्रा के काम पूरे करते हैं।

Jilumol Marriott Thomas

थैलिडोमाइड सिंड्रोम से पीड़ित हैं जिलुमल

केरल के इडुक्की जिले में स्थित करीमनूर में रहने वाली 28 वर्षीय जिलुमल मैरियट थॉमस (Jilumol Marriott Thomas) बचपन से ही थैलिडोमाइड नामक सिंड्रोम (Thalidomide Syndrome) से ग्रस्त है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के हाथ पैर सामान्य तरीके से विकसित नहीं हो पाते हैं।

ऐसे में इस बीमारी की वजह से जिलुमल के हाथ भी विकसित नहीं हो पाए, जिसकी वजह से अपने सभी काम पैरों की मदद से पूरे करती हैं। जिलुमल मैरियट पेश से एक ग्राफिक डिजाइनर हैं, जबकि उनके पिता किसान हैं। जिलुमल को बचपन से ही कार चलाने का शौक था, लेकिन शहर की सड़कों पर कार ड्राइविंग सीख पाना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। ये भी पढ़ें – कभी दिव्यांग होने पर लोग उड़ाते थे मजाक, आज हैं देश की मशहूर IAS ऑफिसर

ऐसे में जिलुमल ने डिजाइनिंग का कोर्स करने के लिए एर्नाकुलम यंग वुमन क्रिश्चियन एसोसिएशन में एडमिशन ले लिया और वहीं कॉलेज की चार दीवारी के अंदर कार ड्राइविंग सीखने लगी, इस तरह जब जिलुमल ने ड्राइविंग सीख ली तो उन्होंने लाइसेंस के लिए आरटीओ में अर्जी दे दी।

Jilumol Marriott Thomas

RTO ने नहीं दिया था ड्राइविंग लाइसेंस

जिलुमल मैरियट चाहती थी कि वह कार चलाकर ऑफिस से घर तक का सफर पूरा करे, लेकिन RTO ने उनके इस सपने को तोड़ दिया। दरअसल साल 2014 में आरटीओ की तरफ से जिलुमल की लाइसेंस अर्जी को खारिज कर दिया गया था, क्योंकि उनके पास हाथ नहीं थे।

ऐसे में जिलुमल मैरियट ने इंसाफ मांगने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरटीओ के फैसले को चुनौती दी, इस दौरान उन्होंने बिना हाथ के ड्राइविंग करने वाले विक्रम अग्निहोत्री और ऑस्ट्रेलियन महिला ड्राइवर का वीडियो कोर्ट में दिखाया था।

हाई कोर्ट ने दिया लाइसेंस जारी करने का आदेश

इस तरह जिलुमल मैरियट के आत्मविश्वास और उनके हुनर को देखते हुए कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया, जिसके तहत कोर्ट ने जिलुमल को लर्निंग लाइसेंस देने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद आरटीओ ने जिलुमल को लाइसेंस दे दिया, जिसके बाद उन्होंने अपनी कार खरीद ली।

इस तरह जिलुमल मैरियट कार खरीदने के बाद अपने पैरों से ड्राइविंग करते हुए घर से ऑफिस और बाजार जैसी जगहों पर आना जाना करती थी, जिसके कुछ समय बाद उन्होंने फुल ऑटोमेटिक कार खरीद ली।

Jilumol Marriott Thomas

जिलुमल मैरियट की नई कार आरटीओ की गाइडलाइन और उनकी जरूरत जरूरत के हिसाब से तैयार की गई है, ताकि जिलुमल को कार ड्राइव करने में परेशानी न हो और सड़क पर चलने वाले दूसरे लोग भी सुरक्षित रहे।

जिलुमल मैरियट उन सैकड़ों लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो अपने डर और आत्मविश्वास की कमी की वजह से कार या कोई अन्य वाहन चलाने से डरते हैं। आज भले ही जिलुमल ऑटोमेटिक कार में सफर करती हैं, लेकिन उन्होंने इस काम की शुरुआत एक नॉर्मल कार से की थी जबकि उनके पास हाथ भी नहीं हैं। ये भी पढ़ें – छोटे कद के बावजूद हासिल की बड़ी कामयाबी, लोगों के तानों को ताकत बनाया और बनीं एडवोकेट

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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