मुंबई; आपने अक्सर सुना होगा कि नेता और अभिनेता किसी के नहीं होते। ये जैसे दिखते हैं वैसे कभी नहीं होते। लेकिन आज हम आपसे कहना चाहते हैं कि सभी लोगों को कभी भी एक ही नज़र से नहीं देखना चाहिए। बहुत से लोग कितनी भी ऊंचाई पर क्यों ना पहुँच जाएँ, उन्हें अपनी ज़मीन हमेशा याद रहती है। आज हम आपको एक ऐसे ही अभिनेता का बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने जब नौकरानी के घर पर उसकी बुज़ुर्ग दादी का निधन हुआ तो उसके घर जाकर सांत्वना दी।
ये दरियादिली दिखाने वाले कोई और नहीं एक्टर जैकी श्रॉफ (Jackie Shroff) है। हुआ यूं कि एक दिन पता चला कि उनके घर नौकरानी काम करती है उसकी दादी चल बसी जिनकी उम्र 100 साल थी। ऐसे में बहुत से लोग तो नौकरानी को छुट्टी देने से मना कर देते हैं, परन्तु एक्टर जैकी श्रॉफ नौकरानी के घर इस दुख की घड़ी में उसके घर जाकर सांत्वना दी। एक्टर जैकी श्रॉफ ने नौकरानी सांत्वना देने के साथ मदद का भी भरोसा दिया। कहा घबराने की कोई ज़रूरत नहीं, यदि किसी भी तरह की ज़रूरत हो तो उनकी ज़रूर मदद करेंगे।
जमीन पर बैठ जताया सांत्वना प्रकट किया
अमूमन हम बड़े सितारों को पर ज़मीन पर बैठते नहीं देखते। सिवाय फ़िल्मों के। लेकिन एक्टर जैकी श्रॉफ को जैसे ही पता लगा दीपल (Deepal) की दादी तन्हाबाई ठाकरे (Tanhabai thakre) का निधन हो गया है। वह उनके घर जाकर ज़मीन पर बैठ गए। जैसे मानो एक्टर जैकी श्रॉफ नहीं कोई आम आदमी उनके घर सांत्वना प्रकट करने आया हो।
बचपन से ही गरीबों के प्रति रहे मददगार
एक्टर जैकी श्रॉफ (Actor Jackie Shroff) बचपन से ही लोगों की मदद के लिए सबसे आगे रहते थे। अर्चना पूरन सिंह (Archana Puran singh) बताती है कि जिन दिनों वह मुंबई (Mumbai) में संघर्ष कर रहे थे। उस दौरान भी वह लोगों को निराश नहीं करते थे। जब भी सड़क पर कोई भिखारी दिख जाता था, तो वह अर्चना से पैसे लेकर उसे ज़रूर देते थे। वह आज भी तीन बत्ती चोल में लगातार जाते रहते हैं। जैसे ही पता लगता है किसी को मदद की ज़रूरत है वह तुरंत उसके लिए मसीहा बनकर पहुँच जाते हैं।