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बिहार की किसान चाची बनी महिला सशक्तिकरण की मिसाल, मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री सबने की तारीफें

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हौसला अगर बुलंद हो तो लाखों कठिनाई भी दूर हो जाती है। वर्ना लोग तो क़दम कदम पर आपको हराने के लिए ही खड़े है। अब बात की जाएँ बिहार की किसान चाची (Kisan Chachi) कि तो आज बिहार का हर बड़ा शख़्स किसान चाची की कहानी को जानता है। जिन्होंने नारी सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण समाज के सामने पेश किया है।

आज बिहार के सीएम से लेकर देश के पीएम और राष्ट्रपति तक किसान चाची की तारीफे करते हैं, लेकिन इन तारीफों के पीछे उनके संघर्षों की कहानी बहुत मुश्किलों भरी है। क्योंकि एक औसत से भी कम कमाने वाले बिहारी परिवार में किसान चाची को ऐसी-ऐसी चीजें झेलनी पड़ीं जो आम इंसान को तोड़कर रख देगी। लेकिन ये उनका हौसला ही था जिससे किसान चाची ने सभी को हराया, समाज की बेड़ियों को तोड़ा है और देश में अपना नाम भी रोशन किया है।

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लेकिन आज किसान चाची किसी पहचान की मोहताज नहीं है और लाखों महिलाओं की रोल मॉडल हैं। तो चलिए आज आपको किसान चाची की ही कहानी बताते हैं। ये कहानी आपको निजी जीवन में बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को झेलने की प्रेरणा देगी। इसके अलावा आपके अंदर एक आत्मविश्वास भी भर देगी।

किसान चाची जिनका असली नाम राजकुमारी देवी है। लेकिन आज पूरा देश उन्हें किसान चाची के नाम से जानता है। किसान चाची मूल रूप से मुजफ्फपुर के सरैया प्रखंड के आनंदपुर की रहने वाली हैं। किसान चाची ने महिलाओं के बीच स्वावलंबन की ऐसी अलख जगाई है कि आज पूरे देश में उनके चर्चे हैं।

लेकिन किसान चाची के जीवन का सफ़र काफ़ी कठिन रहा है। सबसे पहले तो शादी के बाद पहले संतान न होने का तंज झेला। उसके बाद बेटियाँ होने पर समाज के ताने झेलने को मिले और एक वक़्त ऐसा भी आया जब किसान चाची को घर तक से निकाल दिया गया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

उन्होंने घर की ग़रीबी को दूर करने के लिए ख़ुद बाहर निकलने का फ़ैसला किया और पति के साथ खेती करने लगीं, अचार बनाने लगीं और अपने बनाए हुए सामान को बेचने के लिए ख़ुद साइकिल से घर-घर और बाज़ार जाने लगीं। लेकिन ये सब कुछ संकीर्ण मानसिकता वाले समाज को रास नहीं आया। समाज ने अपने तानों से किसान चाची को बदनाम करने की पूरी कोशिश की, लेकिन इन्होंने समाज के इन तानों का भरपूर जवाब दिया।

2007 में मिला पहला बड़ा सम्मान

अब तक किसान चाची के मेहनत के चर्चे अफसरों तक पहुँचने लगे थे। जब 2007 में यह कहानी बिहार सरकार तक पहुँची बिहार सरकार द्वारा किसान चाची को किसानश्री सम्मान मिला। यहीं से राजकुमारी देवी किसान चाची के नाम से फेमस हो गईं। किसान चाची ने देश के कई राज्यों में किसान महोत्सवों में अपने स्टॉल लगाए। उनकी सफलता कि कहानी अब पूरे देश को पता चल चुकी है और यही वज़ह है कि इस कहानी के फैन अमिताभ बच्चन से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक हो गए।

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पीएम मोदी से 2013 में की मुलाकात

जब किसान चाची 2013 के शिल्प मेले में गुजरात गई थीं। वहीं उनकी मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी से हुई। नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात के तत्कालीन सीएम थे। बाद में जब वह पीएम बने तो भी किसान चाची उन्हें याद रहीं। यही वज़ह है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पिछले दिनों किसान चाची से मिलने पहुँचे थे। किसान चाची ने वर्षों तक मेहनत करके बिहार समेत देश भर की बेटियों औऱ महिलाओं को एक रास्ता दिया है, जो तमाम मुश्किलों से आपको निकाल तरक्क़ी के रास्ते पर ले जा सकता है।

केबीसी में भी किसान चाची आमंत्रित की गई

किसान चाची की मेहनत के चर्चे टेलीविजन की दुनिया तक भी पहुँची और महानायक अमिताभ बच्चन ने जब किसान चाची का किस्सा सुना तो उन्हें उनके फेमस शो “कौन बनेगा करोड़पति” में बुलाया गया और इस प्रोग्राम में किसान चाची ने अमिताभ बच्चन को अपनी कहानी सुनाई थी। केबीसी के प्लेटफॉर्म से ही इस कहानी को पूरे देश ने जाना। ये बिहार की मिट्टी का ही कमाल है जो इतने सशक्त लोगों को जन्म देती है।

आज किसान चाची हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी है, जिन्हें अक्सर समाज द्वारा दबा दिया जाता है। सलाम है उनके इस जज्बे को।

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News Desk
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तमाम नकारात्मकताओं से दूर, हम भारत की सकारात्मक तस्वीर दिखाते हैं।

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