Chandrayaan-4 : चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद, भारत अब अपने ‘चंद्रयान-4’ मिशन की तैयारियों में जुट गया है। यह मिशन चंद्रमा से नमूने इकट्ठा कर धरती पर वापस लाने के लिए भारत का पहला मिशन होगा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों को जल्द ही ‘चंद्रयान-4’ (Chandrayaan-4) की तैयारी के लिए हरी झंडी मिल सकती है। इस मिशन में चंद्रमा पर एक लैंडर और एक रोवर भेजा जाएगा। लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और रोवर वहां से नमूने इकट्ठा करेगा। रोवर फिर इन नमूनों को लैंडर में वापस ले जाएगा और लैंडर उन्हें धरती पर वापस ले आएगा।
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ (S. Somanath) ने कहा कि ‘चंद्रयान-4’ मिशन (Chandrayaan-4) के लिए तैयारियां तेजी से जारी हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि यह मिशन 2026-28 के बीच शुरू हो जाएगा।
चंद्रयान-4 मिशन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा। यह भारत को दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल करेगा जो चांद से नमूने वापस ला चुके हैं। यह मिशन चंद्रमा के इतिहास और भूविज्ञान के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
Chandrayaan-4 मिशन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- यह मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर किया जाएगा।
- इस मिशन में चंद्रमा पर एक लैंडर और एक रोवर भेजा जाएगा।
- लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और रोवर वहां से नमूने इकट्ठा करेगा।
- रोवर फिर इन नमूनों को लैंडर में वापस ले जाएगा और लैंडर उन्हें धरती पर वापस ले आएगा।
- यह मिशन भारत के चंद्र विजय अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।