Indian Railwyas : भारत को ट्रेनों का देश कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि यहाँ रोजाना 22 हजार से ज्यादा रेलगाड़ियों का संचालन किया जाता है। भारतीय रेलवे के जरिए रोजाना करोड़ों लोग अपनी मंजिल तक पहुँचते हैं, जबकि देश के ज्यादातर राज्यों और शहरों में रेलवे स्टेशन मौजूद हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में 2 ऐसे रेलवे स्टेशन भी मौजूद हैं, जहाँ उतरने पर आपकी आंखों के सामने विदेश का नजारा होगा। दरअसल यह दोनों रेलवे स्टेशन भारत की सीमा रेखा पर मौजूद है, जहाँ से चंद कदमों की दूरी पर दूसरा देश स्थित है।
देश की सीमा पर मौजूद हैं रेलवे स्टेशन
इनमें से पहला रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के हबीबपुर में स्थित है, जिसे सिंहाबाद रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है। हबीबपुर की सीमा बांग्लादेश से लगती है, इसलिए इस रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों के लिए बांग्लादेश बेहद करीब है। हालांकि सिंहाबाद रेलवे स्टेशन पर सिर्फ मालगाड़ियों का संचालन किया जाता है, लेकिन पहले इस स्टेशन पर यात्रियों की चहल पहल देखने को मिलती थी।
सिंहाबाद को भारत के आखिर रेलवे स्टेशन का दर्जा दिया गया है, जिसे पैदल पार करके भारतीय नागरिक आसानी से बांग्लादेश पहुँच सकते हैं। इस रेलवे स्टेशन को साल 1945 में भारत पाकिस्तान के बंटवारे के बाद बंद कर दिया गया था, लेकिन साल 1978 में दोबारा से स्टेशन को शुरू किया गया था। वहीं इस स्टेशन से पूरे दिन में सिर्फ 2 ट्रेनें गुजरती हैं, जिन्हें स्टेशन पर रूकने की अनुमति नहीं है।
ऐसा ही एक दूसरी रेलवे स्टेशन बिहार के अररिया जिले में स्थित है, जिसे जोगबनी रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है। जोगबनी रेलवे स्टेशन भारत और नेपाल की सीमा पर मौजूद है, इसलिए इस स्टेशन पर उतरने वाले यात्री पैदल ही नेपाल जा सकते हैं। इतना ही नहीं भारतीय नागरिकों को नेपाल में प्रवेश करने के लिए पासपोर्ट या वीजा की जरूरत भी नहीं पड़ती है, जिसकी वजह से बिहार के लोग नेपाल जाने के लिए इसी रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं।