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पहले किया करते थे पिता के साथ खेती, फिर रवि कुमार ने मेहनत कर पहले ही प्रयास में किया UPSC टॉप

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IAS Ravi Kumar Sihag Success Story – आज हम जिस शख़्स की सफलता के दिलचस्प सफ़र से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं उनका नाम है रवि कुमार सिहाग (IAS Ravi Kumar Sihag) जिन्होंने एक साधारण स्कूल में हिन्दी माध्यम स्कूल से पढ़ाई करके और घर में शिक्षा का माहौल ना होते हुए भी वर्ष 2018 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी सीएसई की परीक्षा में कामयाबी प्राप्त की।

रवि कुमार एक साधारण किसान परिवार में जन्मे और उनके परिवार में पढ़ाई में उनकी मदद करने वाला भी कोई नहीं था उसके बावजूद उन्होंने साबित कर दिया कि फैमिली बैकग्राउंड और पढ़ाई का माध्यम चाहे कोई भी रहा हो लेकिन दृढ़ निश्चय लगन और मेहनत से यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

इस वज़ह से UPSC परीक्षा देने का मन बनाया

IAS रवि कुमार (IAS Ravi Kumar Sihag) ने अपने इंटरव्यू में बताया कि अपने पिताजी के साथ बचपन से बेबी खेतों में जाया करते थे और खेती बाड़ी के काम की देखरेख करते थे। इतना ही नहीं, जब तक उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा नहीं कर लिया तब तक खेती से सम्बंधित सारे कामों की जिम्मेदारी वही संभालते थे। फिर जब उनके गाँव में खेतों से सम्बंधित कोई समस्या हो या सिंचाई से जुड़ी कोई समस्या हो तो उसके लिए उन्हें कलेक्टर ऑफिस में ही जाना पड़ता था। कोई भी दिक्कत आए तो कलेक्टर ऑफिस जाकर अपनी परेशानी का हल ढूँढना होता था।

फिर उन्होंने सोचा कि आख़िर यह कलेक्टर कौन है जो हर छोटी और बड़ी समस्या का निपटारा करता है। उन्होंने गाँव में भी लोगों से सुना था कि तुम कौन-सा कलेक्टर हो जो यह काम कर लोगे, या हमारी समस्या दूर कर दोगे इत्यादि। इस प्रकार से उनके मन में सिविल सेवाओं में जाने का विचार आया और उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद इसी फील्ड में जाने का निश्चय किया जिससे वह लोगों की परेशानियाँ दूर करके उनकी मदद कर सकें।

IAS Ravi Kumar Sihag का इंटरव्यू वीडियो देखें

NCRT बुक्स बनाया अपना साथी और बेस मज़बूत किया

रवि कुमार ने कहा कि जब उन्होंने UPSC परीक्षा का सिलेबस देखा तो उन्हें लगा कि उन्होंने साधारण विद्यालय से पढ़ाई की है तो पहले उन्हें बेस मज़बूत करना चाहिए इसलिए बेसिक किताबों से शुरुआत और एनसीआरटी बुक्स को विशेष रूप से पढ़कर बेसिक चीजें सीखी। रवि कुमार का कहना है कि UPSC के एग्जाम में एक तरह का कम्प्लीट पैकेज होता है जिसमें प्री परीक्षा से पर्सेनेलिटी टेस्ट तक व्यक्ति की हर तरह से परख हो जाती है। इसलिए इस परीक्षा को देने से पहले इसके बारे में पूरी तरह से समझ लेना चाहिए।

यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) के लिए किताबे तो अधिकतर विद्यार्थियों के लिए एक जैसी ही होती है लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना है कि किताबें बहुत ज़्यादा टिकट ही नहीं करनी है लेकिन कम किताबों को ही बार-बार पढ़कर रिवीजन करना है। रवि कुमार कहते हैं कि सीमित संसाधनों के साथ पढ़ाई करें लेकिन, अधिक से अधिक रिवीजन करने की आदत डालें। ऐसा सोचेगी किताबों में लिखे हुए एक-एक शब्द की जानकारी आपको होनी चाहिए।

हिंदी हो या अंग्रेज़ी मीडियम, सभी को एक-सी तैयारी करनी होती है

रवि कुमार (IAS Ravi Kumar Sihag) ने कहा कि यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) दे रहे प्रतिभागियों को ज्यादातर यही चिंता रहती है कि अगर वह हिन्दी मीडियम से खड़े हुए हैं तो उन्हें बहुत दिक्कत आने वाली है और उनका आत्मविश्वास का स्तर भी गिर जाता है। जबकि यह धारणा सही नहीं है क्योंकि हिन्दी मीडियम हो जा अंग्रेज़ी मीडियम उससे फ़र्क़ नहीं पड़ता है, मेहनत तो सभी को करनी पड़ती है। वे बताते हैं कि मीडियम भी हिन्दी था और ऑप्शनल विषय भी हिन्दी लिटरेचर था, फिर भी उन्होंने यूपीएससी परीक्षा क्रैक करके अच्छे नंबर हासिल किए और वर्ष 2018 में हिन्दी माध्यम के प्रतिभागियों से टॉपर्स लिस्ट में अपनी जगह बनाई।

यही वज़ह है कि रवि कुमार अन्य प्रतिभागियों को भी सुझाव दिया करते हैं कि आपका मीडियम क्या है या फिर आप पढ़ाई में ज़्यादा अच्छे थे या नहीं यह सब व्यर्थ की बातों में समय गाँव आने से अच्छा है कि आप अच्छी प्रकार से परीक्षा की तैयारी में जुट जाएँ। अंग्रेज़ी मीडियम के प्रतिभागियों को तैयारी के लिए जन समस्याओं का सामना करना पड़ता है और जिसने मेहनत करनी पड़ती है वही हिन्दी माध्यम के प्रतिभागियों को भी करनी पड़ती है इसलिए इस परीक्षा में मीडियम से कोई मतलब नहीं है।

इंग्लिश सीखना भी है आवश्यक

फिर IAS रवि कुमार कहते हैं कि आपने पहले ही हिन्दी माध्यम से परीक्षा देना सही समझा हो लेकिन इसका यह अर्थ नहीं होता है कि आपको अंग्रेज़ी सीखने यह नहीं पड़ेगी, क्योंकि हमारे देश में अंग्रेज़ी और हिन्दी दोनों का ही महत्त्व है। परीक्षा भले ही आप हिन्दी माध्यम से दें लेकिन इस परीक्षा में कामयाबी प्राप्त करने के लिए और सिविल सर्विस से जुड़े कार्यों को संभाल के लिए अंग्रेज़ी आना भी आवश्यक होता है, अतः अंग्रेज़ी भाषा को भी एक मूलभूत आवश्यकता समझते हुए उसे सीखिए।

फिर अंत में उन्होंने कहा कि UPSC परीक्षा के बारे में प्रतिभागीयों के मन में बहुत से सवाल होते हैं और वे बहुत से भ्रम भी पाल लेते हैं जैसे जय एग्जाम बहुत कठिन होता है और इसे पास करना बहुत ज़्यादा मुश्किल है, लेकिन उनका कहना है कि वैसे तो सबकी अपनी-अपनी सोच होती है पर उन्हें लगता है कि यह परीक्षा उतनी भी मुश्किल नहीं होती है जितने इसके बारे में भ्रम फैलाया जाता है। अगर आप दृढ़ निश्चय करके सही दिशा में आगे बढ़ेंगे और पूरी मेहनत से पढ़ाई करेंगे तो आप इस बार परीक्षा को अवश्य पास कर लेंगे। उनका कहना है कि “यदि मैं यह परीक्षा पास कर सकता हूँ तो कोई भी कर सकता है।”

रवि कुमार (IAS Ravi Kumar Sihag) की प्रेरणादायक कहानी और उनके सुझावों से यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) दे रहे सभी प्रतिभागियों को सीख मिलती है कि इस परीक्षा के बारे में फैली हुई भ्रांतियों पर ध्यान ना देकर पूरी मेहनत से तैयारी करेंगे तो आपको लक्ष्य की प्राप्ति ज़रूर होगी।

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News Desk
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