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बिहार के एक छोटे से गाँव से निकलकर UPSC टाॅप करने वाली लड़की के सफलता की कहानी

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IAS Success Story – यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित Competitive परीक्षा होती है। इसके जटिलता का अंदाजा इसी से लगता है कि लाखों की संख्या में युवा प्रतिवर्ष इसमें शामिल होते हैं जिनमें से कुछ सौ ही पास हो पाते हैं। उन्हीं कुछ सौ परीक्षार्थियों में से एक हैं ‘दिव्या शक्ति’ जिन्होंने 2019 में अपने दूसरे प्रयास में ना सिर्फ़ एग्जाम को पास किया बल्कि 79वें रैंक के साथ टॉप भी किया।

बिहार के छपरा ज़िला के जलालपुर में जन्मी ‘दिव्या शक्ति’ के पिता मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक हैं। दिव्या बचपन से ही पढ़ाई में काफ़ी मेधावी थी और डीपीएस बोकारो से PCM में 90% के साथ इंटर पास कर राजस्थान बिट्स पिलानी से Computer Science में Graduation किया और इसके बाद वहीं से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स की डिग्री भी ली। इसे पूरा करने के बाद वह प्राइवेट जॉब करने लगी।

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दिव्या ने आईएस बनने का कभी सोचा ही नहीं था लेकिन जॉब के दौरान उन्होंने कुछ अलग करने का फ़ैसला लिया जिसके बाद उनके माता-पिता और दोस्तों ने उन्हें यूपीएससी की तैयारी करने की सलाह दी। दिव्या ने काफ़ी सोच विचार कर आईएएस ऑफिसर बनने का निर्णय कर लिया। इसके लिए दिल्ली के एक निजी कोचिंग से 6 महीने की तैयारी के बाद वह सेल्फ स्टडी करने लगी।

कंप्यूटर साइंस से ग्रेजुएट होने के बावजूद भी उन्हें भूगोल में काफ़ी रूचि थी और यही कारण था कि उन्होंने यूपीएससी में और ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में भूगोल को चुना। इसके लिए उन्हें बहुत ज़्यादा तैयारी करनी पड़ी और उन्होंने अलग से विशेष नोट्स भी बनाए थें।

दिव्या को अपने पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली तो उन्होंने दोबारा बिन घबराए दोगुनी ऊर्जा के साथ तैयारी शुरू कर दी और नतीजा ये रहा कि जब 2019 के UPSC एग्जाम का रिजल्ट आया दिव्या शक्ति का नाम टॉप 100 में 79वें स्थान पर था।

दिव्या शक्ति के द्वारा Delhi Knowledge Track को दिए गए इंटरव्यू का वीडियो यहाँ देखें

अपनी सफलता का श्रेय दिव्या अपने माता-पिता और दोस्तों को देती है जिनकी प्रेरणा से आज वह आईएस ऑफिसर बनने में सफल हुई। हमें भी ज़रूरत है अपने बच्चों और दोस्तों के अंदर छिपी प्रतिभा को पहचानने और उन्हें उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने की।

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