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कहीं भी लेकर बैठ जाइए ये छोटी-सी मशीन, हर महीने होगी अंधाधुंध कमाई

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How to Open Pollution Testing Center in India: एक तरफ देश में बढ़ती बेरोजगारी की वजह से युवा परेशान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ स्टार्टअप (Startup) करने वाले लोगों की संख्या में दिन ब दिन इजाफा होता जा रहा है। ऐसे में अगर आप भी अपना कारोबार (Business) शुरू करना चाहते हैं, तो आपके लिए हमारे पास एक बेहतरीन बिजनेस आइडिया (Business Idea) है।

इन दिनों हर दूसरे घर में कार या दो व्हीलर वाहन होता है, जिसकी वजह से पॉलीयूशन में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपने वाहन का पॉलीयूशन सर्टिफिकेट प्राप्त करना होता है, जिसके लिए पॉल्यूशन टेस्टिंग सेंटर (PUC) में वाहन की जांच करवाई जाती है।

Pollution Testing Machine

पॉल्यूशन टेस्टिंग सेंटर की शुरुआत (How to Open Pollution Testing Center in India)

ऐसे में अगर आप कम लागत में बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आप पॉल्यूशन टेस्टिंग सेंटर (Pollution Testing Center) खोल सकते हैं। इसके लिए आपको हाई-वे या फिर एक्सप्रेस-वे के आसपास जगह तलाश करनी होगी, जहाँ 10 हजार रुपए के निवेश से रोजाना 50 हजार रुपए तक की कमाई की जा सकती है। दरअसल हाई-वे और एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की संख्या ज्यादा होती है, जो आसानी से पॉल्यूशन टेस्टिंग सेंटर (Pollution Testing Center) तक पहुँच सकते हैं।

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इस काम को शुरू करने के लिए आपको लोकल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) से लाइसेंस प्राप्त करना होगा, जिसके लिए RTO में फॉर्म भरकर जमा करना होता है। इसके बाद RTO की तरफ से जांच पड़ताल करने के बाद पॉलीयूशन टेस्टिंग सेंटर का लाइसेंस जारी किया जाता है, जिसके बाद आप पेट्रोल पंप या फिर हाई-वे के आसपास अपना बिजनेस सेटअप कर सकते हैं।

अगर आप पेट्रोल पंप के पास पॉलीयूशन टेस्टिंग सेंटर खोलते हैं, तो इसके लिए आपको लोकल अथॉरिटी से नो अब्जेक्शन सेर्टिफिकेट लेना होगा और 10 रुपए का एक एफिडेविट जमा करना होगा। पॉलीयूशन टेस्टिंग सेंटर में मशीन के जरिए वाहन की जांच की जाती है, जिसे स्मोक एनालाइजर के नाम से जाना जाता है।

आपको बता दें कि पॉलीयूशन टेस्टिंग सेंटर खोलने के लिए मोटर मैकेनिक, ऑटो मैकेनिक, स्कूटर मैकेनिक, ऑटोमोबाइल इंजीनियर, डीजल मैकेनिक और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्ट्टीयूट से सर्टिफिकेट लेना होता है। इसके अलावा लिए पॉलीयूशन टेस्टिंग सेंटर की पहचान करने के लिए उसके केबिन का रंग पीला होना आवश्यक होता है।

पॉलीयूशन टेस्टिंग सेंटर के केबिन का साइज 2.5 मीटर लंबा, 2 मीटर चौड़ा और 2 मीटर ऊंचा होना चाहिए, जबकि सेंटर के बार लाइसेंस नंबर लिखा अनिवार्य होता है। पॉलीयूशन टेस्टिंग सेंटर का रंग पीला इसलिए रखा जाता है, ताकि वाहन चालक उसे दूर से आसानी से देख सके।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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