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गमले में आर्गेनिक विधि से उगा सकते है करेला, आइए जानते हैं इसकी विधि

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हमारा देश भारत कृषि प्रधान देश है। इस देश की जनसंख्या का लगभग 70 प्रतिशत लोग कृषि पर आश्रित है। इसके बावजुद कई लोगों के खेती करने के लिए अपनी ज़मीन नहीं है। ऐसे में उन लोगों के लिए अंधेरे में दीपक बनकर आए है गौरव सिह पंवार (Gaurav Singh Panwar) जिन्होंने गमले में आर्गेनिक विधि (Organic method) से करेला उगाकर लोगों को सन्देश दे रहे है कि खेती करने के लिये ज़रूरी नहीं की आपके पास खेत हो आप गमले में भी इसको उगा सकते है। तो चलिए जानते हैं गमले में करेले की खेती करने वाले वकील की कहानी।

गौरव सिह पंवार (Gaurav Singh Panwar)

गौरव सिह पंवार (Gaurav Singh Panwar) राजस्थान के उदयपुर ((Udaypur) के रहने वाले है जो वकालत के साथ-साथ सब्जी और फूलो की खेती करते है, इन्हे शुरु से ही पेड़ पौधो से बेहद लगाव रहा है। इन्होने अपने घर पर टेरेस गार्डन बनाकर गुलाब और बहुत सारे क़िस्म के फूल जो सुगंधित होते है वे सब लगाया है। साथ ही सब्जियो की भी खेती करते है जैसे-टमाटर, मिर्च, करेला, करी पति इत्यादी इनके गार्डन में बरगद के भी बहुत सारे पेड़ लगे है। इन्होने लोगों को सुझाव देने हेतू अपना एक युट्‌युब चैनल भी बनाया है। जिसका नाम THE ONE PAGE है। जिसमे लगभग 5 लाख सब्सक्राइबर है।

आईए इनके माध्यम से जानते है आर्गेनिक विधि से करेला को कैसे उगाया जाता है।

1. करेला को उगाने के लिए सबसे पहले घर में गमले का आकार 15 इंच का होना चाहिए जिसमे प्रयाप्त मात्रा में मिट्टी होनी चाहिए।

Karela farming

2.मिट्टी को डाल उसे बेहतरीन तरीके से फर्टिलाइज कर उसमें ऑर्गेनिक खाद के लिए पत्तियों के बुरादे, गाय का गोबर मिला कर वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाता है।

Karela farming

3. इसके बाद उसमे थोड़ा पानी डालकर कुछ देर तक छोड़ दे अगर आपको लगे कि बाज़ार में अच्छे क़िस्म के बीज नहीं मिलते है तो एक बार इसे उगा ले और जब करेला पक जाए तो इसका बीज निकाकर रख ले ताकि आगे फिर से उगाने में काम आ जाए।

Karela farming

4. बीज लग जाने के बाद इसमे कुछ हानिकारक घास उग जाते है जिसे निराई कर निकाल दे ताकि पौधे को वृद्धि करने में कोई दिक्कत ना हो। इस हानिकारक घास को निकालते समय सावधानी बरते नहीं तो इसके साथ-साथ बीज भी बाहर आ सकते है।

Karela farming

5. करेले के बीज को लगभग 10 से 15 दिन लगेंगे अपना अकार बदलने में। उसके बाद पौधे में तेजी से फैलाव शुरु हो जाता है। तब इसे सहारे की ज़रूरत पड़ती है। सहारा मिलने पर करेला जल्दी खाने लायक हो जाता है। 20 से 25 दिन के उपरांत उसमे फिर उर्वरक मिलाए ताकि मिट्टी की नमी बरकरार रहे। ध्यान रहे खाद की ज़्यादा मात्रा से पौधे को नुक़सान भी हो सकता है। सिर्फ़ 2 मुट्ठी खाद ही मिलाये उसके बाद फिर से मिट्टी का फैलाव करके उसमे पानी डाल दे क्योकि बीज जब अंकुरित होना शुरु हो जाएगा तब उसे पोषण की ज़रूरत पड़ेगी।

30 दिन के इंतज़ार के पश्चात्‌ इसमे पोलीनेशन शुरु हो जाएगा इसके बाद हमे कुछ नहीं करने की ज़रूरत है। ये अपने आप बढ़ना शुरू हो जाएगा और जब पौधे में वृद्धि होने लगे तब इसे सूर्य की रोशनी में रखे ताकि प्रकाश संश्रेषण की क्रिया कर सके ठंडे स्थान पर रखने पर ये सुख जाएगा।

6. लगभग 60 दिनो के इंतज़ार के उपरांत हम करेले में फूल और सब्जी उगना देख सकते है। गमले में सब्जी को हम असानी से तोड़ सकते है और यह आसान तरीक़ा भी सब्जी लगाने का। गौरव लगभग 6 वर्षों से इस कार्य को करते आ रहे है। उन्होंने लोगों को सुझाव देने हेतु youtube और instagram का प्रयोग कर रहे है।

इनसे संपर्क साधने का तरीक़ा

गौरव से इस प्रकार की जानकारी लेने हेतू आप उनके वेबसाइट “theonepagebonasi.com” पर मेल कर सकते है और विस्तृत जानकारी के लिए इनके youtube चैनल पर “THE ONE PAGE” खोलकर देख सकते है।

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