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फेंके गए बाल आपको बना सकते है मालामाल, जानिए कैसे और कहा बिकता है

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किसी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि लोगों के जिन लंबे-लंबे बालों को सलून में कटवाकर यूं ही फेंक दिया जाता हैं उससे कोई करोड़पति भी बन सकता है और यह जानकर तो आप हैरान ही हो जाएंगे की उन बालों की क़ीमत चांदी से भी ज़्यादा है। आज हम बालों से सम्बंधित बातों को ही आपको बताने वाले हैं कि कैसे बालों की नीलामी होती है और कैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बालों की लंबाई और क्वालिटी के हिसाब से इसकी खरीद और बिक्री होती है। क्योंकि इन्हीं बालों के बिजनेस को शुरू कर दो युवा उद्यमी बन चुके हैं करोड़पति।

बालों की लंबाई के हिसाब से कीमत

कटे हुए बालों के क़ीमत की अगर बात की जाए तो 20 से 28 इंच तक के बाल 20 से 40 हज़ार रुपये किलो बिकते हैं, तो वहीं 50 इंच के लंबाई के बाल 70 हज़ार रुपये किलो तक बिकते हैं। वहीं अगर बात सबसे सस्ते बालों की-की जाए तो भी उसकी क़ीमत 10 हज़ार रुपए किलो है।

7 साल पहले दो युवाओं ने इसका बिजनेस को शुरू किया

शिल्पा गुप्ता जो कि दिल्ली की रहने वाली हैं और ग्रेजुएट है तो वही आशीष धवन कानपुर के सरोजनी नगर के रहने वाले हैं जिन्होंने एमबीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की है। आपको बता दें इन दोनों युवा उद्यमीयों ने बालों के बिजनेस को शुरू किया और यही फेंके हुए बाल दो  युवा उद्यमियों को मालामाल कर रहे हैं। 7 साल पहले तक इन दोनों ने भी कभी नहीं सोचा था कि इनका बिजनेस इतना अलग होने वाला है, क्योंकि इस बिजनेस को शुरू करने से पहले यह दोनों भी एक कंपनी में बहुत सामान्य सी नौकरी करते थे।

तिरुपति से मिला बालों के बिजनेस का सुपर आइडिया

एक बार की बात है जब दोनों अपने परिवार के साथ तिरुपति बालाजी दर्शन के लिए गए। वहाँ उन्होंने देखा कि काफ़ी लोग कटे हुए बालों को दान कर रहे हैं। इन दोनों को यह देखकर बहुत आश्चर्य हुआ कि जिन बालों को हम फेंक दिया करते हैं उन्हें बालों की क़ीमत और नीलामी यहाँ करोड़ों में हो रही है। उसी समय यह इनोवेटिव आइडिया भी इनके दिमाग़ में आया कि वह भी इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं।

काफी रिसर्च के बाद शुरू किया इस बिजनेस को

तिरुपति से कानपुर लौटने के बाद इन्होंने इंटरनेशनल साइंस का गहन अध्ययन कर बालाजी में जाकर रिसर्च किया। जब इन्होंने वहाँ के बाजारों में लोगों का फीडबैक लिया तो पाया कि सिर्फ़ यूरोप और अमेरिका जैसे बड़े देश ही नहीं बल्कि भारत में भी डिजायनर हेयर की बहुत ज़्यादा डिमांड है। तब काफ़ी रिसर्च और लोगों से फीडबैक लेने के बाद इन दोनों ने इस बिजनेस को शुरू किया।

अपने इस बिजनेस को शुरू करने के बाद शिल्पा और आशीष ने फेंके गए बालों को फैशन की दुनिया से जोड़ दिया। उन बालों से इन्होंने डिजायनर हेयर स्टाइल तैयार किया और एक्सपोर्ट में अपना क़दम रखा। कुछ ही दिनों के अंदर उनके इस इनोवेटिव आइडिया और बिजनेस को अमेरिका और यूरोप ने हाथों हाथ ले लिया और यही कारण है कि सिर्फ़ 27 साल की उम्र में ही शिल्पा और आशीष ने अपने मेहनत और लगन के दम पर सफलता की ऊंचाइयों को छू रहे हैं। क्योंकि इनके बालों का बिजनेस 8 लाख डॉलर तक पहुँच चुका है। अब तो इन्होंने कानपुर के फजलगंज में और आंध्रप्रदेश में बाल बनाने वाली फैक्टरियाँ तक खोल दी हैं।

फैक्टरी में विग और भौहें तक असली बालों से तैयार किया जाता है

वर्तमान समय में शिल्पा और आशीष दोनों उद्यमी बालों से बनी हर चीज़ों को बनाते हैं। इनकी फैक्ट्री में सिर के खालीपन को बालों से भरने से लेकर केरोटिन, क्लीपिंग, टॉपर्स, बंडल्स या विफ्ट हेयर, विग और भौहें तक असली बालों से तैयार करने का काम किया जाता है।

काफी मुश्किल भी है यह बिजनेस

उन्होंने बताया कि इस बिजनेस को यानी असली बालों को फैशन की दुनिया से जोड़ने का काम बहुत ही मुश्किल है। इसे करने के लिए सबसे पहले खरीदे गए बालों की क्वालिटी देखी जाती हैं। दान के दौरान बालों को जब सिर से हटाए जाते हैं तो उसके बाद उन्हें गुच्छों में रख दिया जाता है, जिसमें हर तरह के बाल एक साथ होते हैं और वह काफ़ी गंदे भी होते हैं। इसलिए सबसे पहले फैक्ट्री में बालों की क्लीनिंग का काम होता है। उसके बाद बालू को तरह-तरह के शेप दिए जाते हैं। फिर उन वालों के द्वारा बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के डिजायनर बालों को तैयार किया जाता है।

इस साल 10 लाख डॉलर का है लक्ष्य

शिल्पा ने कहा कि बात अगर आज के फैशन की-की जाए तो मार्केट में अपने ड्रेस के साथ अपने बालों को मैच करने का बहुत ज़्यादा ट्रेंड है। इसके बावजूद भी बहुत लोग अपने बालों को कलर करवाने से डरते हैं। इसलिए ब्राइडल हेयर, ब्लांड और रंग-बिरंगे बालों को तैयार करना काफ़ी दिलचस्प होता है और लोगों में इसकी डिमांड बहुत ज़्यादा होती है। बालों से तैयार किए गए प्रोडक्ट्स की लाइफ एक से चार साल तक की होती है। भारत से ज़्यादा अमेरिका और यूरोप में ऐसे डिज़ाइनर हेयर्स की डिमांड है क्योंकि वहाँ लोग हर रोज़ अपने कपड़ों के रंग के अनुसार विग की डिमांड करते हैं और खरीदते हैं। यह लोगों के बीच फैशन ट्रेंड बन चुका है। आज के समय में बालों का कारोबार बाजारों में 12% तक बढ़ गया है।

पिछले साल शिल्पा और आशीष का यह बिजनेस 8 लाख डॉलर का कमाई किया तो वहीं इस साल इनका लक्ष्य 10 लाख डॉलर का है। शिल्पा और आशीष के अनुसार उन दोनों के इस बिजनेस को विदेशों तक पहुँचाने में “फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन” और “फियो के सलाहकार वाई एस गर्ग” का बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है।

इस तरह शिल्पा और आशीष दोनों अपने इस इनोवेटिव आइडिया के कारण सफलता की ऊंचाइयों को छू रहे हैं और लाखों युवाओं को प्रेरित करने का काम भी कर रहे हैं।

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