हर सफल व्यक्ति के पीछे उनकी कोई ना कोई दर्दनाक कहानी छुपी होती है। किसी भी इंसान को सफलता इतनी आसानी से नहीं मिलती, क्योंकि कहते हैं ना कि हीरा को जितना घिसा जाए वह उतना ही चमकदार बनता है और इंसानों के साथ भी ऐसा ही होता है। जो व्यक्ति जितना ही ठोकर खाता है और अकेले चलता है, वही सबसे ज़्यादा सीखता है और सफल बनता है। यह कहानी भी एक ऐसी महिला की है जिन्होंने अपने जीवन में मुश्किलों का डटकर सामना किया और आज सफलता की ऊंचाई पर खड़ी है।
एक ऐसी महिला जिनके कंपनी और ब्रांड को आज देश विदेश में कौन नहीं जानता। उनका नाम है चीनू काला (Chinu Kala)। आपको बता दे तो जब चीनू की उम्र सिर्फ़ 15 साल थी तब उनके पापा की उनसे किसी बात पर बहुत ज़्यादा बहस हो गई और नतीजा यहाँ तक पहुँच गया कि उन्हें घर तक छोड़ने को कह दिया गया। उन्होंने भी आव देखा ना ताव और निकल पड़ी घर से। उन्हें अपनी मंज़िल तो दूर की बात, अपने 10 क़दम आगे के रास्ते के बारे में भी नहीं पता था कि उन्हें जाना कहाँ है। उस रात को उन्होंने मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर बिताया।
घर छोड़ते समय पॉकेट में सिर्फ़ 3 सौ रुपए थे
एक बातचीत के दौरान चीनू ने बताया कि मैं बहुत जिद्दी टाइप की थीं। इसलिए घर छोड़ने के समय मैंने कुछ सोचा समझा नहीं। उस समय मेरे पॉकेट में सिर्फ़ 300 रूपये थे। लगातार मैं यही सोच रही थी कि 300 रूपये ख़त्म होने के बाद मैं कैसे और कहाँ रहूंगी। उसी समय स्टेशन पर एक महिला यात्री ने उन्हें देखा और उनसे बातें की। बातचीत के बाद उस महिला ने उन्हें घर जाने पर ज़ोर देना शुरू किया। तब उन्होंने कहा कि उनके पास घर जाने का कोई विकल्प नहीं है।
अंततः उस महिला ने चीनू की मदद करने की सोची। उसने उन्हें एक पता दिया जहाँ चीनू को कुछ रुपए की नौकरी मिल सकती थी और एक छात्रावास के बारे में भी बताया जहाँ चीनू हर रोज़ 25 रूपये देकर रह सकती थी। तब चीनू एक सेल्स गर्ल का काम करना शुरू किया और प्रतिदिन 25 रुपए देकर उसी छात्रावास में रहने लगी
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शुरुआत में सेल्स गर्ल का काम की
चीनू के लिए सेल्सगर्ल का काम करना एक बहुत बड़ा चैलेंज था क्योंकि इसमें सफलता मिलना बहुत कठिन है। इस काम में ज्यादातर लोग दरवाजे पर लोग आपकी बेइज्जती करते हैं और कुछ लोग ही ऐसे होते हैं जो एक मैनर वे में आपसे समान लेने से मना करते हैं। इसी काम को हर रोज़ करना उनके लिए बहुत बड़ी समस्या थी। लेकिन इस काम से ही चीनू को इतना अनुभव मिला कि आगे उनकी ज़िन्दगी में सफलता का कारण यही बना।
चीनू ने सेल्स गर्ल का काम करने के अलावा, एक टेली-कॉलर, मेक-अप आर्टिस्ट, वेट्रेस और रिसेप्शनिस्ट के रूप में भी काम किया है। हर काम से उन्हें कुछ ना कुछ अनुभव मिला और खासकर बिक्री की कला में उन्होंने बहुत कुछ सीखा।
ग्लैडरैग्स मिसेज इंडिया प्रतियोगिता में ली भाग
चीनू ने साल 2004 में शादी भी कर ली शादी के बाद उनके पति और कुछ दोस्तों ने उन्हें ग्लैडरैग्स मिसेज इंडिया प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। चीनू कहती हैं कि “मैं प्रतियोगिता तो नहीं जीती, लेकिन मैंने एक महिला के जीवन में फैशन और उससे जुड़ी चीजों के महत्त्व के बारे में और एक मॉडल की चेहरे को सवांरने में इसके महत्त्व को जाना। तभी मुझे एहसास हुआ कि मैं इस क्षेत्र में अपना कारोबार कर सकती हूँ।”
“रुबन्स एक्सेसरीज” (Ruban Accessories) किया लॉन्च
उसके बाद चीनू ने अपने सालों से बचत की हुई कमाई के द्वारा अपना ख़ुद का ब्रांड “रुबन्स एक्सेसरीज” लॉन्च करने का फ़ैसला लिया। उनके अनुभवों ने उनके इस ब्रांड को बहुत जल्द ही प्रसिद्धि दिला दी। जिसके बाद चीनू को कभी पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा।
कंपनी की रिवेन्यू 15 करोड़ को भी पार कर चुकी है
वर्तमान समय में रुबंस एक्सेसरीज़ (Ruban Accessories) एथनिक और वेस्टर्न ज्वेलरी में दो हज़ार से भी ज़्यादा डिजाइन्स की विशाल शृंखला पेश कर चुकी है, जिसकी क़ीमत 229 रुपये से लेकर 10, 000 रुपये तक है। केरल के कोच्चि शहर में चीनू के आउटलेट्स के साथ उनके आभूषण ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। उनकी कंपनी की रिवेन्यू अब 15 करोड़ को भी पार कर चुकी है।
इस तरह चीनू की कहानी को जानकर हमें यह पता चला कि कैसे एक 15 साल की लड़की ख़ुद के मेहनत के दम पर अपने जीवन में सफलता पाती है। इनकी कहानी लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है।