पेट ऐसी चीज है जिसके लिए कई बुज़ुर्ग अपने उम्र के अंतिम पड़ाव पर भी काम करने को विवश हो जाते हैं। आज कल सोशल मीडिया के द्वारा कई छोटे-छोटे वेंडर्स की मदद के लिए बहुत लोग आगे आ रहे हैं, जैसे दिल्ली वाले बाबा का ढाबा, आगरा वाले कांजी बड़े वाले बाबा का ढाबा इत्यादि। इसके बाद आगरा कि रोटी वाली अम्मा कि मदद की गयी, तो कभी फरीदाबाद-द्वारका में मजबूरी में काम कर रहे बुज़ुर्गों को राहत भी पहुँचाई गई।
ठीक इसी तरह इस समय भी सोशल मीडिया पर एक और कहानी वायरल हो रही है। यह कहानी बेंगलुरु के एक बाबा कि है जो सड़क पर पौधे बेचने का काम करते हैं। अब इनकी मदद के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जा रही है।
वैसे इस मुहीम की शुरुआत तब हुई जब न्यू इंडियन एक्सप्रेस के लिए काम करने वाले अश्विनी श्रीपद ने अपने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर की ओर अपने इस पोस्ट में उन्होंने बुज़ुर्ग की सारी जानकारी दी और लिखा कि वह बुज़ुर्ग कनकपुरी रोड के सरक्की सिग्नल पर बैठते हैं और पौधे बेचने का काम करते हैं।
अश्विनी ने अपने ट्विटर के ज़रिए लोगों से बाबा से पौधे ख़रीदने की अपील की और उनके इस पोस्ट के ज़रिये सबसे अच्छी चीज़ ये हुई कि लोग तुरंत ही बाबा कि मदद के लिए एक्टिव हो गए और एक-दूसरे को टैग कर बाबा कि मदद की मुहीम शुरू कर दी।
इस पोस्ट को एक्टर रणदीप हूडा ने भी शेयर किया:
इनमें से कई लोगों ने तो बाबा कि मदद करने का वादा भी किया। अब देखना है कि लोग बाबा कि कितनी मदद कर पा रहे हैं।