कोरोना कि इस महामारी के दौर में सबकी स्थिति खराब हो गई है, खासकर मध्यम और निम्न वर्ग की तो इस बीमारी ने कमर तोड़ दी है। आज हम जिस व्यक्ति की बात करने जा रहे हैं वह सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के बैट ठीक किया करते थे। आज इनकी तबीयत काफ़ी बिगड़ गई है और इनके घर की आर्थिक स्थिति भी-भी खराब है।
इनका नाम अशरफ चौधरी है। मुंबई में उनकी मेट्रो सिनेमा के सामने एक दुकान है, ये दुकान अशरफ चौधरी सन् 1920 से एम अशरफ़ ब्रदर्स के नाम से चला रहे हैं। ये हर क्रिकेट मैच में खिलाड़ियों के बैट्स रिपेयर करते हैं। चाहे वानखड़े में होने वाला इंटरनेशनल मैच हो या आईपीएल का मैच। हर मैच में वे अपने साथ एक क्रिकेट किटबैग लेकर उसमें बैट्स और बेट-ग्रिप्स रखकर उपस्थित होते हैं, परन्तु अब परिस्थितियाँ बदल गई हैं और कोरोना के चलते उनका व्यापार भी बन्द हो गया है।
कभी डोनेट किए थे T-20 टीम को 16 बैट, आज नहीं हैं इलाज़ के पैसे
इनके पास बड़े-बड़े क्रिकेटर्स अपने बैट ठीक करवाने आते रहते थे। एक बार जब इन्हें ज्ञात हुआ कि वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम की बोर्ड से पैसों के मामले में लड़ाई चल रही है तब इन्होंने T-20 मैच की टीम को 16 बैट डोनेट कर दिए थे, लेकिन आज हालात कुछ ऐसे हैं कि इसी व्यक्ति के पास अपना इलाज़ करवाने के भी पैसे नहीं हैं और आज इन्हें ख़ुद डोनेशन की आवश्यकता है। उनके कुछ जान पहचान वालों की सहायता से वे 2 लाख रुपए जमा कर पाए हैं, लेकिन ये रुपए उनके इलाज़ के लिए काफ़ी कम हैं।
बड़े बड़े बैट्समैन की मदद की
अशरफ चौधरी जी ने कई सारे मशहूर क्रिकेटर्स जैसे सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, कैरन पोलार्ड, क्रिस गेल, फेफ डूप्लेसिस इत्यादि के बैट को ठीक किया। वे हमेशा ही क्रिकेटर्स की मदद करते रहते थे। कभी उनके टूटे हुए बैट्स को ठीक करते थे, कभी बैट की लकड़ियों को छांतते, कभी उसका वज़न कम करके हल्का बनाते और कभी हैंडल के किनारे ठीक करते थे। क्रिकेटर्स जैसा कहते थे वे वैसा ही काम कर उनकी सहायता करते थे।
एक शुभचिंतक रखते हैं उनका ध्यान
इनकी उम्र अभी 70 साल है। ऐसा कहा जा रहा है कि उन्हें किडनी से सम्बन्धित बीमारी है, इसलिए वे हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इस समय वहाँ उनका ध्यान प्रशांत जेठमलानी जो कि उनके एक शुभचिंतक हैं, वही रखते हैं। प्रशांत जेठमलानी के अनुसार अशरफ चौधरी को किडनी की बीमारी तो है ही, साथ ही उनकी आर्थिक हालत भी खराब है। उनका काम-धंधा बन्द हो गया है और पैसे ना होने की वज़ह से उन्हें इलाज़ करवाने में भी परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में क्रिकेटर्स को उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।