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झुग्गी में रहता है परिवार, पिता चाय-पान की गुमटी से चलाते हैं घर का खर्च, बेटे ने पास किया IIT का एग्जाम

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भोपाल: जिस तरह से भरे कीचड़ में भी कमल का फूल खिल जाता है और कीचड़ के बीच भी वह अपनी अलग पहचान बना लेता है। लोग कीचड़ में खिलने के बावजूद कमल के उस फूल को पाना चाहता हैं। उसी की तरह होनहार आदमी को भी कभी अपनी पहचान बनाने के लिए भटकना नहीं पड़ता। भले ही उसके पास संसाधनों का अभाव क्यों ना हो, ग़रीबी के चलते उसका बुरा हाल क्यों ना हो, पर वह अपनी बात को दुनिया के सामने साबित करके दिखा ही देता है।

आज भी हम आपको जिस लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं। उसकी शुरुआती भी ज़िन्दगी के बेहद कठिन दौर से हुई थी। लेकिन वह लगातार मेहनत करता गया। इसी तरह एक दिन उसका वह मुकाम आ गया जब उसकी मंज़िल उसे मिल गई। लोग उसकी काबिलियत का लोहा मान गए। आइए जानते हैं क्या है उस लड़के की कहानी।

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अनमोल अहिरवार (Anmol Ahirawar)

इस लड़के का नाम है अनमोल अहिरवार। ये लडका भोपाल का रहने वाला है। अनमोल अपने माता-पिता के साथ ही रहते हैं। अनमोल के पिता पास में ही पान की दुकान चलाते हैं, जबकि अनमोल की माता चाय की दुकान चलाती हैं। माता-पिता बेहद गरीब होने के बावजूद उन्होंने कभी इसका असर बच्चे की पढ़ाई पर नहीं पड़ने दिया। अनमोल की बचपन से ही पढ़ाई में बहुत रुचि थी। वह चाहता था कि उसके माता-पिता अपना पेट काटकर जिस तरह से उसे पढ़ा रहे हैं, तो वह भी एक दिन उनकी उस मेहनत का फल उन्हें ज़रूर दे।

IIT कानपुर में हुआ सेलेक्शन

अनमोल अपने माता-पिता के सपने को पूरा करने के लिए दिन रात एक किए हुए था। दो कमरे का घर होने के बावजूद वह उसमें आठ घंटे पढ़ाई करता था। अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते पर उसने संयुक्त प्रवेश परीक्षा आईआईटी JEE में कामयाबी हासिल की है। आज उसका सेलेक्शन IIT KANPUR में केमिकल इंजीनियरिंग (Chemical Engineering) में हुआ है।

ऑनलाइन क्लास से की तैयारी

पैसे के अभाव के चलते अनमोल को घर बैठकर ऑनलाइन क्लास की मदद से ही पढ़ाई करनी पड़ती थी। अनमोल की शुरुआती शिक्षा की यदि हम बात करें तो अनमोल ने भोपाल के शासकीय सुभाष एक्सीलेंस विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। अनमोल बचपन से ही पढ़ाई में होशियार था। इसलिए उसके दसवीं में 87 प्रतिशत नंबर और बारहवीं में 90 प्रतिशत के करीब नंबर आए थे।

बचपन से ही तेज तर्रार होने के चलते अनमोल पर हर किसी की निगाहें रहती थी। ऐसे में जब उनके शिक्षकों को ये बात पता चली कि अनमोल आर्थिक तंगी से गुजर रहा है, तो उन्होंने उसकी ऑनलाइन क्लास में मदद की। बदले में अनमोल ने भी कड़ी मेहनत की और अपने माता-पिता और शिक्षकों का मान-सम्मान बढ़ाया।

अनपढ़ माता पिता ने समझा पढ़ाई का महत्त्व

कुछ लोग ये कहते हैं कि अनपढ़ लोग कभी पढ़ाई के महत्त्व को नहीं समझते, वह हमेशा पढ़ाई के खिलाफ ही रहते हैं। लेकिन अनमोल के माता पिता बिल्कुल इसके उलट है। अनपढ़ होने के बावजूद उन्होंने पढ़ाई के महत्त्व को समझा और अपने बेटे अनमोल को हमेशा उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। अनमोल के घर की आय महज़ छह हज़ार रुपए है, लेकिन उन्होंने इस पैसे से ही घर का ख़र्चा भी चलाया और अनमोल के पढ़ाई में आने वाली ज़रूरतों को भी पूरा किया।

अनमोल बताते हैं कि उनके घर में महज़ दो कमरे ही हैं। उसमें ही बैठकर वह दिनभर पढ़ाई किया करते थे। अनमोल दिन में आठ घंटे पढ़ते थे। इसके बाद वह अपने माता-पिता के साथ दुकान पर हाथ बंटाया करते थे। अनमोल ने पढ़ाई के साथ अपने माता-पिता की दुकान पर काम भी किया इसके बावजूद उन्होंने देश की एक प्रतिष्ठित परीक्षा IIT-JEE का पेपर पास करके समाज में उदाहरण पेश कर दिया है कि यदि हम में कुछ करने का जुनून हो तो हम उसे हर हाल में कर सकते हैं।

अगला लक्ष्य है IAS बनना

ऐसा नहीं है कि अनमोल अब रुक गए हैं। वह बताते हैं कि अब वह UPSC (Union public service commission) की तैयारी कर रहे हैं। जिसके माध्यम से वह देश में IAS अफसर बनकर अपने देश की सेवा कर सकें। अनमोल अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता पिता और गुरुजनों को देते हैं। अनमोल ने बेहद विपरीत हालातों का बावजूद जिस तरह से कामयाबी हासिल की है वह काबिले तारीफ है।

आज जिस तरह से अनमोल दूसरे गरीब युवाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभरे हैं, उसके लिए ‘AWESOME GYAN’ उन्हें सलाम करता है। साथ ही हम उम्मीद करते हैं कि अनमोल ऐसे ही अपनी मेहनत से हमेशा आगे बढ़ते रहेंगे।

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News Desk
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