कौन कहता है कि आसमान में सुराग नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों।
आपने ये लाइन कभी न कभी जरूर सुनी होगी, जो जीवन में मेहनत और संघर्ष करके अपनी मंजिल को हासिल करने का बढ़ावा देती हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति यह ठान ले कि उसे अपना सपना पूरा करना, तो कोई भी मुश्किल उसका रास्ता नहीं रोक सकती है फिर चाहे वह शारीरिक दिव्यांगता ही क्यों न हो।
आज हम आपको देश की एक ऐसी IAS Officer की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद भी अपने सपने को पूरा करने का साहस दिखाया है।
इरा सिंघल, कामयाबी की अनोखी मिसाल (IAS Ira Singhal)
उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से ताल्लुक रखने वाले इरा सिंघल (IAS Ira Singhal) आज देश की जानी मानी आईएएस ऑफिसर हैं, लेकिन इस पद तक पहुँचने के लिए उन्हें काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ा था। इरा का बचपन मेरठ में गुजरा था, इसलिए उन्होंने अक्सर शहर में कर्फ्यू लगते हुए देखा था।
इस दौरान वह लोगों को बातचीत करते हुए सुनती थी, जिससे इरा को पता चला कि कर्फ्यू लगाने का आदेश डीएम द्वारा दिया जाता है और उनके पास कानूनी ताकत होती है। बस इसी कर्फ्यू के चलते इरा के मन में आईएएस ऑफिसर बनने की इच्छा जन्म लेने लगी।
इरा बचपन से ही IAS Officer बनने का सपना देखती थी, लेकिन जब कभी वह लोगों के सामने अपने सपने का जिक्र करती थी तो लोग उनका मजाक उड़ाना शुरू कर देते थे।
दरअसल इरा सिंघल शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं, जिसकी वजह से वह सही से चल नहीं पाती हैं। ऐसे में जब वह बचपन में आईएएस बनने का सपना देखती थी, तो लोग उनका मजाक उड़ाते हुए कहते थे कि जो खुद अच्छी तरह से चल नहीं पाती है वह IAS कैसे बन पाएंगी।
प्राइवेट नौकरी छोड़कर शुरू की UPSC की तैयारी
लेकिन इरा ने कभी भी लोगों को तानों को दिल पर नहीं लगने दिया और पूरी मेहनत और लगन के साथ अपन सपना पूरा करने की कोशिश में जुट गई। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इरा ने दिल्ली के नेताजी सुभाष इंस्ट्टीयूट ऑफ टेक्नोलॉजी से B.TECH और MBA की पढ़ाई पूरी की।
इसके बाद उन्होंने कोका कोला और कैडबरी जैसी बड़ी पेय पदार्थ कंपनियों के साथ काम किया, लेकिन इस दौरान उनके मन में आईएएस बनने का सपना लगातार पनपन रहा था। ऐसे में इरा ने नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी, जिसके बाद साल 2010 में उन्हें परीक्षा पास करने में सफलता प्राप्त हो गई।
परीक्षा में पास होने के बाद नहीं हुई नियुक्ति
इरा सिंघल ने साल 2010 में ही यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) पास कर ली थी, लेकिन दुर्भाग्य से उस साल उन्हें दिव्यांग होने के वजह से किसी भी सरकारी पद पर नियुक्ति नहीं दी गई। ऐसे में इरा ने हार नहीं मानी और परीक्षा पास करने के बावजूद भी पोस्टिंग न दिए जाने के खिलाफ सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में अर्जी दी।
सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में इरा सिंघल का केस लगभग 3 साल तक चलता रहा, इसक दौरान उनकी शिकायत पर सुनवाई होती रही और आखिरकार CAT ने इरा के हक में फैसला सुनाया। 4 साल लंबी कानूनी लड़ाई जीतने के बाद साल 2014 में इरा सिंघल को हैदराबाद में सरकारी पद पर नियुक्त किया गया, लेकिन उनके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था।
दूसरी बार परीक्षा देकर किया ऑल इंडिया टॉप
ऐसे में इरा ने साल 2014 में आयोजित यूपीएससी की परीक्षा में एक बार फिर बैठने का फैसला, जिसमें उन्होंने जनरल कैटेगरी में ऑल इंडिया टॉप करके अपना और अपने माता-पिता का नाम रोशन कर दिया।
वर्तमान में इरा सिंघल (IAS Ira Singhal) महिला व बाल विकास मंत्रालय में जॉइंट डायरेक्टर के पद पर तैनात है और उन्होंने अपने करियर में कुल तीन बार यूपीएससी परीक्षा पास की है। इतना ही नहीं इरा सिंघल को उनके प्रयासों और साहस के लिए राज्य और केंद्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।